scriptअनविता विजय, जिसने छोटी सी उम्र में दुनिया को मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा | Success Story: 10 -Year-Old Anvitha Vijay Is the Youngest Developer at Apple's WWDC | Patrika News
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अनविता विजय, जिसने छोटी सी उम्र में दुनिया को मनवाया अपनी प्रतिभा का लोहा

बच्चों ने बहुत छोटी सी उम्र में ही एेसी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है जिसे देखकर बड़े भी दांतो तले उंगली दबा लेते हैै

Jul 16, 2017 / 02:01 pm

युवराज सिंह

anvitha vijay sucess story

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जयपुर। भारतीय बच्चों ने समय-समय पर विश्वपटल पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। कर्इ बच्चों ने बहुत छोटी सी उम्र में ही एेसी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है जिसे देखकर बड़े भी दांतो तले उंगली दबा लेते हैै। कहावत भी है कि प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। आैर इस बात को सच कर दिखाया है भारत की अनविता विजय ने, जिन्होंने छोटी सी उम्र में ही वो काम कर दिखाया जिसे बडे-बडे हुनरमंद भी नहीं कर पाते।

सूचना और प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर हो रहे विकास ने भी इन बच्चों को अपनी ओर आकर्षित किया है। गौरतलब है कि आजकल बच्चों को कंप्यूटर और इंटरनेट जैसी सुविधाएं भी आसानी से प्राप्त है। कुछ प्रतिभाशाली बच्चे इन सुविधाओं का सही इस्तेमाल करते हुए कुछ ऐसा कर जाते जो औरों के लिए प्रेरणा बन जाती।

10 साल की अनविता विजय को बचपन से ही प्रौद्योगिकी से बेहद प्यार था और यही वजह थी कि उसने खेलने-खाने की उम्र में सॉफ्टवेयर डिजाईन करने शुरू कर दिए। अनविता ने 7 साल की उम्र में यूट्यूब विडियोज और ऑनलाइन ट्यूटोरियल्स की मदद से कोडिंग सीखनी शुरू कर दी। कोडिंग से संबंधित शुरूआती जानकारी प्राप्त करने के बाद उसने एप बनाने का प्रयास शुरू कर दिया। काफी मेहनत के बाद उसने बच्चों के लिए एजुकेशनल एप्स तैयार करने में सफल रही। स्मार्टकिन्स एनिमल नामक यह एप बच्चों को 100 से ज्यादा जानवरों के नाम और आवाज पहचानना सीखा सकता है। वहीं, दूसरा एप स्मार्टकिन्स रेनबो कलर्स है जिससे बच्चे रंगों के बारे में सीख सकते हैं।

अनविता बताती हैं कि है उनके लिए कोडिंग बेहद मुश्किल काम था, लेकिन उन्हें खुशी है कि वो एप्स बनाने में कामयाब रही।

अनविता को साल 2016 में एक नई पहचान उस वक़्त मिली जब ऐप्पल द्वारा आयोजित वार्षिक डेवलपर कॉन्फ्रेंस डब्ल्यूडब्ल्यूडीसी में भाग लेने वाली वह सबसे कम उम्र की डेवलपर बनी। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते हैं कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में यह हर साल होने वाले सबसे बड़े इवेंट में से एक होता है। दुनियाभर के सभी डेवलपर का यह सपना होता है कि उसे डब्ल्यूडब्ल्यूडीसी में हिस्सा लेना का मौका मिले। 9 वर्ष की उम्र में इस आयोजन का हिस्सा बन कर अनविता ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।

अनविता अपनी रेगुलर पढ़ाई के साथ-साथ एप डिजाईन का काम करती है। स्कूल में गर्मी की छ्ट्यिों के दौरान उन्होंने गोल्सहाई नाम से एप बनाया था, जिसके लिए उन्हें 10 हजार डॉलर (करीबन 6.5 लाख रूपये) का इनाम भी मिला था। अनविता का सपना है कि वह बड़ा होकर दुनिया की सबसे नामचीन उद्यमी बनेगी।

अनविता जैसी बच्ची यदि इतनी कम उम्र में इस ऊंचाई तक पहुंच रही है, तो बेशक हमें उसकी सफलता का स्तर समझना होगा और सीख लेनी होगी। कम उम्र में अभूतपूर्व सफलता पाना भाग्य का मामला नहीं है, हमें यह मानना होगा कि इस सफलता के पीछे माता-पिता का प्रयास है, जिन्होंने बच्चों को अपने दम पर सीखने और अपने स्वयं के भविष्य का निर्माण करने के लिए स्वतंत्रता प्रदान की। अनविता खुद की काबिलियत से बिना किसी इंजीनियरिंग की डिग्री के वो कारनामें कर दिखाई जो बड़े-बड़े इंजीनियर भी नहीं कर पाते हैं।

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