विवि की करोड़ों की जमीन मुक्त
जोधपुरPublished: Apr 28, 2016 05:08:00 am
ज यनारायण व्यास विश्वविद्यालय ने बुधवार को आठ घंटे चले ऑपरेशन के बाद अपनी 28 बीघा जमीन को
जोधपुर।ज यनारायण व्यास विश्वविद्यालय ने बुधवार को आठ घंटे चले ऑपरेशन के बाद अपनी 28 बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त करा लिया। इस जमीन की कीमत 280 करोड़ बताई जा रही है। यह जमीन कुलपति आवास के पास और विवि अतिथि गृह के पीछे है। यहां स्थानीय रहवासियों ने कब्जा कर लिया था। विवि की अतिक्रमण हटाने के लिए बनाई गई कमेटी की ओर से बताया गया कि इन रहवासियों ने इस जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया था और करीब 100 करोड़ रुपए की कीमत वाली 10 बीघा जमीन पर अतिक्रमण हो चुका था। किसी ने पक्का तो किसी ने कच्चे अतिक्रमण कर रखे थे। इतना ही नहीं हर व्यक्ति ने अपने घर के पीछे गेट निकाल विवि की जमीन का उपयोग कर रहा था। राजस्थान पत्रिका ने सबसे पहले 29 मार्च को ‘जिसको जितनी जगह मिली घेर लीÓ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
3 के खिलाफ मामला दर्ज
विवि के गेस्ट हाउस के पीछ की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण को हटाया। विवि की ओर से गेस्ट हाउस के पीछे बनाई गई दीवार को तोड़ दिया गया हैं। तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। आबिद खान, कार्यवाहक कुलसचिव व वित्त नियंत्रक, जेएनवीयू
7 जेसीबी, 100 पुलिसकर्मी और 8 घंटे की कार्रवाई
विवि की इस जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए विवि ने 7 जेसीबी की मशीनें लगाई। यह कार्रवाई 8 घंटे तक चली। गुरुवार को भी यह कार्रवाई चलेगी। विवि की जमीन पर बने कच्चे व पक्के सभी अतिक्रमण को तोड़ दिया गया। विवि की ओर से वित्त नियंत्रक व और कार्यवाहक कुलसचिव आबिद खान और विवि की जमीन पर हो रहे अतिक्रमण हटाने के लिए बनाई गई कमेटी के चेयरमैन प्रो. शिशुपाल सिंह भादू और पुलिस की ओर से इन्द्र सिंह और अमित सिहाग के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई। कई बार अतिक्रमणकारियों ने इसका विरोध किया, लेकिन पुलिस ने हर विरोध का नाकाम कर दिया। कुलपति डॉ. आरपी सिंह ने मौके का निरीक्षण किया ।
इन्होंने किया सबसे ज्यादा विरोध
अ तिक्रमण की कार्रवाई शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा तीन लोगों ने इसका विरोध किया। इनमें जोधपुर पॉलिटेक्निक कॉलेज से सेवानिवृत्त शिक्षक अर्जुनराम चौधरी भी शामिल हैं। इन्होंने 40 गुना 70 फीट पर कब्जा कर रखा था और अपनी पार्किंग के लिए पक्का निर्माण तक करवा लिया। एक बार पुलिस ने उन्हें पकड़ कर ले जाने लगी, लेकिन लोगों के हस्तक्षेप के बाद छोड़ दिया। इसके बाद घर के पीछे विवि की जमीन पर गेट निकालनेवाले सेवानिवृत्त पुलिस निरीक्षक पद्म सिंह रत्नू ने वित्त नियंत्रक पर कई व्यक्तिगत आरोप लगाए। विवि की 783 फीट जमीन पर कब्जा करने के आरोपित दिनेश गहलोत ने नगर निगम से पट्टा तक जारी करवा कर निर्माण कर लिया।
विवि ने बनाई दीवार, लोगों ने तोड़ दी
अ तिक्रमण हटाने के बाद विवि ने दीवार बनाने काम शुरू किया। जिन लोगों के गेट विवि की जमीन की ओर खुल रहे थे, उनके सामने पत्थर लगवा दिए। वहीं इस कॉलोनी से एक रास्ता विवि की ओर से जा रहा था, जिसे बंद करने का सबसे ज्यादा विरोध हुआ। महिलाओं ने इस रास्ते को बंद करवाने का सबसे ज्यादा विरोध किया। महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें हटाया और उसके बाद काम शुरू हुआ। शाम 6 बजे के बाद विवि व पुलिस प्रशासन वहां से चला गया। उसके करीब एक घंटे के अंदर स्थानीय लोगों ने वह दीवार गिरा दी। अब विवि प्रशासन ने पद्मसिंह रत्नू, भवानी सिंह और जसवंत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।