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जोधपुर

जेल से व्हॉट्सअप पर भेजी फर्जी आंसर की!

प्रतापनगर थाना पुलिस ने रविवार को आयोजित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) परीक्षा शुरू होने से

जोधपुरFeb 08, 2016 / 05:23 am

मुकेश शर्मा

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जोधपुर।प्रतापनगर थाना पुलिस ने रविवार को आयोजित राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) परीक्षा शुरू होने से पहले ही फर्जी ‘आंसर कीÓ के साथ एक शिक्षक सहित सात युवकों को दबोच लिया। यह आंसर की जालोर जिले की भीनमाल जेल से दो बंदियों ने व्हॉट्अप के जरिए भेजी थी। अभ्यर्थियों को यह ‘आंसर कीÓ दो-दो लाख रुपए में बेची जानी थी। वहीं अभ्यर्थियों को रीट के फर्जी पेपर बेचते हुए पांच अभियुक्तों को नागौर की जायल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने तीन अभ्यर्थियों को ढ़ाई-ढ़ाई लाख रुपए में रीट के पेपर बेचे थे। साढ़े सात लाख रुपए की यह रकम बरामद कर ली गई है। पांच अभियुक्तों में एक महिला, एक एजेंट व एक गाड़ी का ड्राइवर है। एजेंट व ड्राइवर नागौर जिले के थांवला थाना क्षेत्र के कोड गांव के रहने वाले हैं। जोधपुर पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) समीर कुमार सिंह के अनुसार परीक्षा शुरू होने से पहले पुलिस ने 12वीं रोड स्थित एक होटल तथा भगत की कोठी स्थित मकान पर दबिश देकर एक शिक्षक सहित सात युवकों को दबोच लिया।

प्रश्न पत्र से मिलान के बाद यह ‘आंसर कीÓ फर्जी निकली। पुलिस उपायुक्त सिंह के अनुसार प्रकरण में जालोर जिले के चितलवाना थानान्तर्गत रणौदर निवासी उदाराम (29) पुत्र जगराम विश्नोई, आसूराम (42) पुत्र प्रहलादराम विश्नोई, पादरड़ी निवासी भैराराम (22) पुत्र भगराज विश्नोई, कालूराम (40) पुत्र वीरदाराम विश्नोई, जांगूओं की ढाणी निवासी दिनेश (22) पुत्र भीखाराम विश्नोई, उसके भाई ओमप्रकाश (27) तथा सिवाड़ा निवासी प्रवीण कुमार (26) पुत्र हरीराम विश्नोई को गिरफ्तार किया है। प्रतापनगर थानाधिकारी मनीष देव, शास्त्रीनगर थानाधिकारी अमित सिहाग की टीम ने शनिवार मध्यरात्रि में 12वीं रोड स्थित होटल सुन्दर पैलेस के कमरा नंबर 16 से भैराराम, प्रवीण, आसूराम व कालूराम को संदिग्ध हालात में पकड़ा था। इनके कब्जे से अन्य परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र की फोटो प्रतियां, फोटो तथा पहचान पत्र बरामद किए गए थे। इनके बारे में चारों कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इनसे पूछताछ के बाद भगत की कोठी स्थित एक मकान में दबिश देकर किराए पर रह रहे उदाराम, ओमप्रकाश व दिनेश को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की तरफ से धोखाधड़ी, आईटी एक्ट तथा राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का प्रयोग) अधिनियम 1992 के तहत मामला दर्ज किया गया है। एएसआई सुखराम ने देर शाम आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर रिमाण्ड लिया है।


चार लाख में फर्जी परीक्षार्थी बनना था शिक्षक को

पुलिस का कहना है कि आरोपियों में उदाराम विश्नोई सरकारी विद्यालय में द्वितीय ग्रेड शिक्षक है। वह आरएएस मुख्य परीक्षा की तैयारी भी कर रहा है। उसके पास दो मोबाइल से रीट परीक्षा की फर्जी आंसर की बरामद हुई। हस्तलिखित दो दर्जन पृष्ठों की आंसर की का प्रश्न पत्र से मिलान नहीं हो पाया। आशंका है कि उदाराम चार लाख रुपए लेकर किसी अन्य अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने वाला था। दो-दो लाख में बेचे जाने थे उत्तरआरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि प्रतियोगी भर्ती परीक्षा में नकल करवाने वाले गिरोह के सरगना जगदीश विश्नोई व राजूराम विश्नोई जालोर जिले की भीनमाल जेल में बंद हैं। इन्होंने मोबाइल पर आंसर की उदाराम के मोबाइल पर भेजी और दो-दो लाख रुपए में बेचने के निर्देश दिए थे।

बॉक्स रीट की खबर के साथ…ब्लूटूथ की जगह ‘कक्षाÓ में रटाने लगे हैं गिरोह

कुछ समय पहले तक प्रश्न पत्र की फोटो खींचकर व्हॉट्सअप के जरिये वायरल करने और परीक्षा केन्द्र में बैठे अभ्यर्थी को प्रश्नों के उत्तर ब्लूटूथ से बताने का तरीका पुराना पड़ चुका है। अब नकल गिरोह ब्लूटूथ पर उत्तर बताने की जगह अभ्यर्थियों को परीक्षा से ठीक पहले एक कमरे में एकत्र कर प्रश्नों के उत्तर याद करवाने को प्राथमिकता देने लगे हैं। रीट परीक्षा के दौरान प्रतापनगर थाना पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है। पुलिस को आशंका है कि परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को एक जगह एकत्रित करने के बाद उत्तर रटाए जाने थे। बदले में प्रत्येक अभ्यर्थी से दो-दो लाख रुपए लेने थे, लेकिन पुलिस के हत्थे चढ़ने से गिरोह की साजिश विफल हो गई।

मूल अभ्यर्थियों की जगह देनी थी परीक्षा

तलाशी में आरोपियों के कब्जे से अन्य अभ्यर्थियों के 18 प्रवेश पत्रों की फोटो कॉपी, इन सभी के पहचान पत्र, फोटो तथा 8-10 मोबाइल, एक बोलेरो तथा दो मोबाइल में दो दर्जन पृष्ठों की आंसर की बरामद हुई है। आरोपी दो-दो लाख रुपए में फर्जी आंसर की बेचने तथा मूल अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने की फिराक में थे। आरोपी किन अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने वाले थे, इसकी जांच की जा रही है।
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