दुष्प्रभाव पर एम्स में शोध, दो दवाओं पर एडवाइजरी
जोधपुरPublished: Aug 04, 2015 05:48:00 am
अखिल भारतीय
आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दवाओं के दुष्प्रभावों पर औष्ाधविज्ञान विभाग
(फॉर्माकोलॉजी )ने
जोधपुर।अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दवाओं के दुष्प्रभावों पर औष्ाधविज्ञान विभाग (फॉर्माकोलॉजी )ने रिपोर्ट तैयार की है। इसमें ऎसे 40 मामले सामने आए हैं, जिन्हें प्रथम दृष्टया दवाइयों के साइड इफैक्ट से जोड़ कर माना जा रहा है।
यह रिपोर्ट एम्स से इंडियन फार्माकोपिया कमीशन (आईपीसी) गाजियाबाद भेज दी गई है। देश भर से आईपीसी में एकत्रित होने वाले इस तरह की रिपोर्ट पर हाल में वहां के विशेष्ाज्ञों की एक कमेटी ने दो दवाइयों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि इस तरह के मरीजों को वैकल्पिक तौर पर दूसरी दवाइयां दी जाएं ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की फार्माको-विजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया ने दवाइयों के दुष्प्रभाव पकड़ने के लिए देश भर में विभिन्न सेंटर बनाए हैं। उसमें जोधपुर एम्स में इस प्रोग्राम के तहत फॉर्माकोलॉजी विभाग पिछले एक साल से काम कर रहा है।
इसके तहत एम्स की ओपीडी और भर्ती हुए 40 से अधिक मरीजों की रिपोर्ट बनाई गई है। उसमें दवाइयों के दुष्प्रभाव की काफी आशंका जताई गई हैं। हालांकि एम्स की ओर से इन दवाइयों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।
यह रिपोर्ट एम्स से आईपीसी भेज दी गई है जो इस प्रोग्राम का कॉर्डिनेशन सेंटर है। वहां से देश भर से एकत्रित डाटा को विश्व स्वास्थ्य संगठन के अंतर्गत मॉनिटरिंग सेंटर स्वीडन भेजा जाएगा। वहां दुनियाभर में दवाइयों के दुष्प्रभावों पर अध्ययन किया जाता है।
इन पर एडवाइजरी जारी
फॉर्माकोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि आईपीसी की कमेटी ने हाल ही में दो दवाइयों पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें एक “सुनिटिनिब” जो कैंसर के साथ कई बीमारियों में इस्तेमाल होती है, जबकि एक अन्य दवा “कार्बोमाजेपिन” है। यह कई बीमारियों के साथ मिर्गी के मरीजों को भी दी जाती है।
विभाग की मरीजों को सलाह
शर्मा ने बताया कि दवाइयों पर सबसे पहले मरीज खुद ही इलाज के दौरान इवाइयों के दुष्प्रभाव के लक्षण डॉक्टर को बताए। उसके बाद दवाई के बारे में बताए जो उसने इलाज के दौरान ली है। उसके बाद डॉक्टर अपने स्तर पर इवाइयों के अनवॉटेंड इफेक्ट देखने की कोशिश करेगा। तब कुछ इवाइयों के दुष्प्रभावों की संभावनाए सामने आती है।
रिपोर्ट भेजी आईपीसी
एम्स में आए मरीजों से बनाई इस रिपोर्ट में दवाइयों में दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ये रिपोर्ट आईपीसी भेजी गई है। जिन दवाइयों से मरीज को खतरा है उसके लिए मरीज को दूसरा विकल्प दिया जाता है। – डॉ. स्नेहा अंबवानी, प्रोफेसर, फार्माकोलॉजी विभाग एम्स जोधपुर।
देवेन्द्र कुमार भाटी