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जोधपुर

प्रदेश की पहली टेम्पोरल बोन लैब एमडीएम अस्पताल में

प्रदेश की पहली टेम्पोरल बोन प्रयोगशाला डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के अधीन मथुरादास माथुर अस्पताल

जोधपुरNov 25, 2015 / 06:13 am

मुकेश शर्मा

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जोधपुर।प्रदेश की पहली टेम्पोरल बोन प्रयोगशाला डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज के अधीन मथुरादास माथुर अस्पताल में स्थापित की गई है। इसको अगले महीने के दूसरे सप्ताह में शुरू किया जाएगा। टेम्पोरल बोन कान की हड्डी होती है जो कान से लेकर मस्तिष्क तक फैली होती है। प्रयोगशाला में नाक-कान-गला (ईएनटी) रोग और न्यूरो सर्जरी के डॉक्टर प्रशिक्षण ले सकेंगे। अभी तक प्रदेश के डॉक्टरों को टेम्पोरेल बोन प्रशिक्षण के लिए दिल्ली इत्यादि शहरों का रुख करना पड़ता था।

एमडीएम अस्पताल में स्थापित टेम्पोरल बोन प्रयोगशाला में पांच ट्रेनिंग मॉड्यूल और एक मेंटर का मॉड्यूल लगाया गया है। स्नातकोत्तर करने वाले रेजिडेंट द्वितीय व तृतीय वर्ष में इस पर प्रशिक्षण लेंगे। गांवों में लगे ईएनटी के डॉक्टर भी यहां प्रशिक्षण लेकर अपने अस्पतालों में कान के ऑपरेशन कर सकेंगे। अस्पताल में ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. भारती सोलंकी, डॉ. नवनीत अग्रवाल, डॉ. समृद्धि गुप्ता और डॉ. महेंद्र चौहान प्रयोगशाला में प्रशिक्षण देंगे। जरूरत पडऩे पर बाहर से प्रशिक्षणकर्ता बुलाए जाएंगे।

देहदान की तरह टेम्पोरल बोन दान : प्रयोगशाला में प्रशिक्षण के लिए एक साथ पांच टेम्पोरल बोन यानी पांच मृत व्यक्तियों के डोनेशन की जरूरत पड़ेगी। ईएनटी विभाग फिलहाल अपने एनाटोमी विभाग और फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के भरोसे ही है। देहदान व नेत्रदान की तरह विभाग टेम्पोरल बोन दान के लिए लोगों को जागरुक करेंगे।

क्या है टेम्पोरल बोन

अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुनील गर्ग ने बताया कि टेम्पोरल बोन हमारी खोपड़ी के पाश्र्व व आधारीय भाग में होती है। यह कान व चेहरे के टेम्पल भाग की संरचना बनाए रखती है। कान के जरिए मस्तिष्क तक पहुंचने का रास्ता टेम्पोरल बोन के जरिए ही है। एेसे में न्यूरो सर्जन को भी इसमें प्रशिक्षण की जरूरत पड़ती है।

इन रोगियों को होगा फायदा

दुर्घटना में कई बार सातवीं फेसियल तंत्रिका के चोटिल हो जाने से चेहरा टेढ़ा हो जाता है। टेम्पोरल बोन सर्जरी के माध्यम से टेढ़े मुंह को सीधा किया जाता है। इसके अलावा कान में मवाद भरने, कान का पर्दा फट जाने, कान की हड्डी गल जाने और सुनने की क्षमता कम हो जाने पर भ टेम्पोरल बोन के जरिए ऑपरेशन किया जाता है।
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