जिले में धान के साथ ही किसान अरहर की फसल की बुआई करते हैं। पहले की अपेक्षा अब इसका उत्पादन काफी बढ़ चुका है। इस बार और भी बेहतर फसल माना जा रहा है
कवर्धा . जिले में धान के साथ ही किसान अरहर की फसल की बुआई करते हैं। पहले की अपेक्षा अब इसका उत्पादन काफी बढ़ चुका है। इस बार और भी बेहतर फसल माना जा रहा है। मौसन ने साथ दिया तो रिकार्ड तोड़ उत्पादन हो सकता है।
खेतों की ओर नजर दौड़ाने पर हरियाली पर चमकीला फूला दिखाई दे। यह हरियाली अरहर के फसल की है। कबीरधाम जिले में इस बार अरहर के बेहतर फसल की उम्मीद है। खरीफ फसल में फसल उत्पादन में मुख्य रूप से धान, सोयाबीन फिर अरहर की बारी आती है। इस बार सभी फसल ने बंपर उत्पादन हुआ है। किसान धान व सोयाबीन की तरह अरहर से भी आस लगाए हैं कि इस बार यह फसल उन्हें काफी अच्छा उत्पादन देगा। इस वर्ष 13 हजार 285 हेक्टेयर में अरहर की फसल है। इससे कृषि विभाग ने अनुमान लगाया है कि करीब 17 हजार 603 मैट्रिक टन से अधिक उत्पादन हो सकता है। यह उत्पादन पिछले वर्ष से एक हजार मैट्रिक टन अधिक उत्पादन होगा। कृषि अधिकारियों का भी मनाना है कि इस वर्ष अरहर की फसल पर अब तक कीट-व्याधी का प्रकोप नहीं दिखा, जिसके कारण बेहतर फसल होगी।
बदली से डरे किसान
एकाएक शुक्रवार को आसमान में सुबह से ही बदली दिखाई दी। कोहरे के कारण चारों ओर धुआं-धुआं दिखाई दे रहा था। बदली अरहर की फसल के लिए उचित नहीं है। बदली के कारण फसल में कीट-व्याधी का प्रकोप शुरू हो जाता है, जिसके कारण किसानों को इसके जतन करने पड़ते हैं।
कबीरधाम कृषि विभाग उपसंचालक एनएल पाण्डेय ने बताया कि अरहर की फसल इस वर्ष काफी अच्छे हालात में है। मौसम ने यदि पूरी तरह साथ दिया तो उम्मीद है कि बेहतर उत्पाद होगी। इससे किसानों को काफी मुनाफा मिलेगा।