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कबीरधाम

कबीरधाम में नक्सली मूवमेंट, फोर्स ने शुरू की सर्चिंग

जिले में लंबे समय से माओवादी की चहल कदमी की खबरंे मिलती रही है

कबीरधामSep 27, 2016 / 10:22 pm

चंदू निर्मलकर

Naxalite Movement in Kabirdham

Naxalite Movement in Kabirdham

कबीरधाम. जिले में लंबे समय से माओवादी की चहल कदमी की खबरंे मिलती रही है। अब माओवादी छत्तीगसगढ़-मध्यप्रदेश के कबीरधाम के बॉर्डर गांवों में ग्रामीणों से मेलजोल बढ़ाने लगे हैं। इसकी सूचना पर पुलिस ने काउंटर ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पुलिस के जवान जंगल और वनांचल गांवों के चप्पे-चप्पे पर नजर रखे हुए हैं।

कबीरधाम और राजनांदगांव पुलिस फोर्स ने मिलकर रेंगाखार के जंगलों में सर्च ऑपरेशन किया। सूचना मिली थी कि कुछ हथियारबंद माओवादी राजनांदगांव के बकरकट्टा से निकलकर बालाघाट की ओर रवाना हुए हैं। बालाघाट जाने के लिए माओवादी कबीरधाम के रेंगाखार के घने जंगलों से होकर ही गुजरते हैं।

इसके चलते ही कबीरधाम के एएसपी के गाइड पर एसडीओपी, डीएसपी, 6 इंस्पेक्टर और 70 जवानों के साथ रात दो बजे वनांचल के लिए निकले। सर्चिंग टीम वनांचल ग्राम मुड़वाही, गडिय़ा, शीतलपानी, भागुटोला, प्रभुटोला, सिवनीकला, बहनाखोदरा और झमलमा के घने जंगलों में करीब 30 किमी तक खाक छानी। इस दौरान पुलिस टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की और माओवादियों की जानकारी ली। कुछ पुख्ता सबूत भी मिले हैं कि माओवादी का आवागमन इस क्षेत्र से हुआ है। पुलिस अब भी इस क्षेत्र पर नजरे गड़ाए हुए हैं ताकि मौका मिलते ही माओवादी को घेर सके।

तैयार है जिला पुलिस

माओवादी मामले में जिला पुलिस सतर्क है। माओवादी से निपटने के लिए वह पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए एक फोर्स भी तैयार किया गया है। पुलिस कबीरधाम से माओवादी की उपस्थिति शून्य करना चाहती है। इसके लिए वह लगातार गांवों में सर्चिंग कर रही है। पुलिस का यह ऑपरेशन जारी रहेगा।

माओवादी ग्राम पर कड़ी नजर
रेंगाखार जंगल को पूर्व से ही माओवादी क्षेत्र माना जाता है। रेंगाखार थाना क्षेत्रांतर्गत करीब दो दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जिसे पुलिस द्वारा माआवोदी ग्राम के जाना जाता है। यह इसलिए माओवादी ग्राम कहलाते हैं क्योंकि यहं गांव जंगलों के बीच में है और माओवादी यहां से आवागमन करते रहते हैं। इन गांवों पर पुलिस की कड़ी नजर है।

माओवादी ग्रामीणों से बढ़ा रहे मेलजोल
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के बार्डर एरिया में कबीरधाम जिले का घना जंगल है, जिससे होकर माओवादी आवागमन करते हैं। माओवादी राजनांदगांव से बालाघाट तक आने जाने के लिए रेंगाखार के घने जंगल और वनांचल ग्राम का उपयोग कर रहे हैं। रात भी यहीं गुजारते हैं। वह ग्रामीणों से मेलजोल बढ़ा रहे हैं ताकि आने वाले समय में इनसे मदद ले सकें। लेकिन यहां के ग्रामीण इसकी सूचना तुरंत पुलिस का दे रहे हैं ताकि जिला माओवादी का गढ़ न बन सके।

जारी रहेगा सर्च ऑपरेशन
जिले के वनांचल ग्रामों से जैसे ही माओवादी के मूवमेंट की सूचना मिलती है टीम को रवाना कर दिया जाता है। सूचना के आधार पर ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है। इसमें 70 से अधिक जवान व पुलिस अधिकारियों ने रात में ही जंगल की सर्चिंग की। माओवादी के चहलकदमी के कुछ सबूत भी मिले हैं। सर्च ऑपरेशन अभी लगातार जारी रहेगा।
डी रविशंकर, पुलिस अधीक्षक कबीरधाम
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