कन्नौज. शासन की ओर से अब दवा की दुकानों के आनलाइन पंजीकरण और सत्यापन से मेडिकल स्टोर संचालकों में हलचल मच गई है। सत्यापन के दौरान औषधि विभाग ने जिले में दस दुकानें निलंबित कर दीं, जबकि दो दुकानों ने सरेंडर कर दिया है। आनलाइन पंजीकरण से अब एक फार्मासिस्ट प्रदेश भर में केवल एक ही दुकान खोल सकेगा और निरीक्षण के दौरान उसे दुकान पर ही मौजूद रहना होगा।
प्रदेश सरकार ने पिछले साल 15 जुलाई से दवा की दुकानों के आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत जिले के सभी मेडिकल स्टोरों का सत्यापन किया जाएगा और उसके बाद आनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। आदेश के अनुपालन में औषधि विभाग ने जब जिले भर में दवा की दुकानों का सत्यापन किया तो पता चला कि कई दुकानें ऐसी हैं, जिनमें कोई फार्मासिस्ट ही नहीं है। विभाग ने इन दस मेडिकल स्टोरों को निलंबित कर दिया। वहीं कार्रवाई की जद में आए दो दुकानदारों ने सरेंडर कर दिया। अभी कई दुकानें और हैं, जिन पर कार्रवाई का खाका तैयार किया जा रहा है।
सौंदर्य प्रसाधन की बिक्री पर भी नजर
औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 के प्रावधानों के अनुसार सौंदर्य प्रसाधन सामग्री केवल मेडिकल स्टोर पर ही बेची जा सकती है। दवाई के लाइसेंस में इसका उल्लेख किया जाता है, लेकिन हकीकत इससे इतर है। गली मोहल्लों में हर जगह किराने की दुकानों पर भी सौंदर्य प्रसाधन सामग्री खुलेआम बेची जा रही है ओर किसी दुकानदार के पास इसका लाइसेंस नहीं है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पहले दवाई की दुकानों का सत्यापन और आनलाइन पंजीकरण किया जाएगा, इसके बाद सौंदर्य प्रसाधन सामग्री पर ध्यान दिया जाएगा।
इन दुकानों पर हुई कार्रवाई
औषधि विभाग ने जब जिले भर में दवाई की दुकानों का सत्यापन किया तो दस दुकानें ऐसी मिलीं, जिन पर कोई फार्मासिस्ट नहीं मिला। विभाग ने दीक्षा मेडिकल स्टोर भवानीपुर ठठिया, वारसी मेडिकल स्टोर तालग्राम, पांडेय मेडिकल स्टोर असालताबाद विशुनगढ़, दीपिका मेडिकल स्टोर मानीमऊ, जय अंबे मेडिकल स्टोर छिबरामऊ, त्रिपाठी मेडिकल स्टोर छिबरामऊ, नारायण मेडिकल स्टोर प्रेमपुर, नेहा मेडिकल स्टोर सौरिख का लाइसेंस निलंबित कर दिया, जबकि रेड स्क्वायर मेडिकल स्टोर कन्नौज व न्यू वर्मा मेडिकल स्टोर तिर्वा ने सरेंडर कर दिया।