पीके की टीम ने इनके विधानसभा में जाकर जमीनी हकीकत परखी और एक रिपोर्ट बनाकर प्रशान्त किशोर को सौंपी, जिसमें 140 में से 20 केंडीडेट जांच में फिट, बाकि अनफिट बताए गए।
कानपुर। यूपी चुनाव अगले साल होने वाले हैं। सभी दल अपने-अपने कंडीडेट को माप तौल कर टिकट दे रहे हैं। जहां भाजपा ने अभी अपने उम्मीदवारों का नाम एलान नहीं किए वहीं कांग्रेस ने डेढ़ माह पहले दावेदारों से आवेदन मांगे थे।कानपुर की 10 सीटों के लिए 140 केंडीडेटों ने आवेदन किए थे। पीके की टीम ने इनके विधानसभा में जाकर जमीनी हकीकत परखी और एक रिपोर्ट बनाकर प्रशान्त किशोर को सौंपी, जिसमें 140 में से 20 केंडीडेट जांच में फिट, बाकि अनफिट बताए गए। राहुल गांधी की खाट यात्रा में जिस तरह से किसान नहीं पहुंचे, इसी के चलते पीके की टीम ने 10 सीटों के लिए 20 नाम बताए हैं।
कांग्रेस ने दावेदारों से मांगे थे आवेदन
पीके ने केंडीडेट चयन के लिए कांग्रेस ने संगठन के माध्यम से हर विधानसभा से दावेदारों से आवेदन पत्र मांगे थे। 10 सीटों के लिए 140 दावेदारों ने ताल ठोकी थी। सभी के आवेदन हाईकमान के साथ ही पार्टी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पास पहुंचे। पीके ने पहले ऐसा फार्मूला बनाया कि धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता चला गया कि कौन दावेदारी के लायक है और कौन नहीं। किसका क्षेत्र में प्रभाव है और किसका नहीं। सूत्रों के मुताबिक, पांच कार्यक्रमों से स्क्रूटनी हो चुकी है। यहां की दस विधानसभा सीटों पर 20-22 योग्य उम्मीदवार ही बचे हैं, जो कि पात्रता के सभी मानक पूरे कर पाए हैं। दीपावली के बाद दो कार्यक्रम और दिए जाने हैं।
केंडीडेटों की हसरतें होर्डिंग्स तक सिमटी
चुनावी मौसम में होर्डिग्स पर छाए अधिकांश ‘कर्मठ, जुझारू और संघर्षशील’ नेताओं की हसरतें होर्डिग्स तक ही सिमटी रहने वाली हैं। पीके ने 10 सीटों के लिए बकायदा दावेदारों से पहला बायोडाटा मांगा था। इसके बाद हर एक दावेदार को अपनी अपनी विधानसभा से 10 हजार लोगों को कांग्रेस से जोड़ने के लिए कहा था, लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं रहे। इसके साथ ही 10-10 हजार पत्रक भरवाने के लिए कहा गया इसमें भी 140 में से 120 फेल हो गए। पीके टीम की रिपोर्ट की मानें तो 10 में से सिकंदरा, बिठूर और किदवई नगर सीट पर पार्टी की स्थित मजबूत है। वहीं कांग्रेस के क्षेत्रीय प्रभारी विनोद चतुर्वेदी का कहना है कि हाईकमान इस बात को लेकर बहुत गंभीर है कि कोई कमजोर या अयोग्य प्रत्याशी मैदान में न आ पाए। अपने हिसाब से पार्टी सभी को परख रही है, जो योग्य होगा, उसे टिकट मिलेगा।
6 दिन के बाद दावेदारों की लिस्ट घोषित
पीके टीम के सदस्य कानपुर आए हुए हैं। तिलक हॉल में उन्होंने क्षेत्र प्रभारी विनोद चतुर्वेदी और महानगर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री की मौजूदगी में दावेदारों द्वारा भरवाए गए किसान मांग पत्रों की समीक्षा की। जिनके लक्ष्य पूरे नहीं हुए, उनसे कहा गया कि 26 अक्टूबर अंतिम तिथि है। उससे पहले लक्ष्य पूरे करने वाले ही पात्र होंगे। इसके बाद प्रदेश में जितने भी योग्य दावेदार चुने जाएंगे, उन्हें दिल्ली बुलाया जाएगा। पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी या प्रियंका गांधी भी उस कार्यक्रम में हो सकती हैं। वहीं कांग्रेस के क्षेत्रीय प्रभारी विनोद चतुर्वेदी का कहना है कि हाईकमान इस बात को लेकर बहुत गंभीर है कि कोई कमजोर या अयोग्य प्रत्याशी मैदान में न आ पाए। अपने हिसाब से पार्टी सभी को परख रही है, जो योग्य होगा, उसे टिकट मिलेगा।
10 में एक सीट जीत पाई थी कांग्रेस
कभी कानपुर की सभी सीटों पर कब्जा करने वाली कांग्रेस 27 साल से अपनी खोई जमीन पाने के लिए लड़ रही है। 2012 विधानसभा चुनाव में मात्र 1700 मतों से किदवई नगर से कांग्रेस के अजय कपूर जीते थे, जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को दोनों सीटों पर हार झेलनी पड़ी थी। इतना ही नहीं कानपुर देहात से कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष राजाराम पाल की जमानत तक जब्त हो गई थी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सभी दसों सीटों पर हारी थी।