scriptविश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहेने की उम्मीद | World Bank retains India's 2015-16 growth rate at 7.5% | Patrika News

विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहेने की उम्मीद

Published: Oct 29, 2015 09:51:00 pm

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विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की विकास दर 2017-18 तक लगातार बढ़ेगी। हालांकि यह वृद्धि क्रमबद्ध तरीके से दर्ज की जाएगी। विश्व बैंक की गुरूवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में देश का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) दर 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।

विश्व बैंक ने कहा है कि भारत की विकास दर 2017-18 तक लगातार बढ़ेगी। हालांकि यह वृद्धि क्रमबद्ध तरीके से दर्ज की जाएगी। विश्व बैंक की गुरूवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में देश का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) दर 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।


इसके अगले वित्त वर्ष में 7.8 फीसदी तथा वित्त वर्ष 2017-18 में 7.9 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वृद्धि दर हासिल करने के लिए 2017-18 तक निवेश का 8.8 प्रतिशत की दर से बढऩा जरूरी होगा।

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भारत में विश्व बैंक के निदेशक ओन्नो रुल ने कहा,’निकट भविष्य में भारत की विकास दर में बढ़ोतरी होने में टिकाऊ विकास के लिए किए जा रहे प्रयास, रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी, सरकार के आर्थिक सुधार कार्यक्रम को लागू करने जैसे पर्याप्त कारण हैं। हालांकि यहां कारोबार करना आसान हुआ है और कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार कार्यक्रम लागू करने के प्रयास हो रहे हैं। इनमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) भारत के लिए ‘गेम चेंजर’ साबित हो सकता है।’

ADB says asia

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत लघु अवधि में वैश्विक अस्थिरता से उत्पन्न जोखिमों से निपटने के लिए सापेक्षिक रूप से मजबूत स्थिति में है। हालांकि मध्यम अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मांग में गिरावट का असर पड़ सकता है। ऐसे में विदेशी पूंजी का प्रवाह बढ़ाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।

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भारत के पहले से कमजोर निर्यात पर चीन की आर्थिक सुस्ती का असर पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल और कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी समाप्त करने और उत्पाद शुल्क बढ़ाने में मदद मिली है।
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सब्सिडी पर खर्च घटने और कर की ऊंची दर का बेहतर इस्तेमाल करते हुए घाटे को कम करने और पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी करने के प्रयास किए गए हैं।
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