कानपुर देहात. इस सप्ताह ठंड ने अचानक दस्तक दी तो लोगों के हाथ कांप गये। दिसम्बर का आगमन कोहरे व गलन के साथ होने से लोग आगे की भयावह स्थिति का अनुमान लगाते हुये भयभीत हो रहे है। जबकि शासन द्वारा कम्बल वितरण योजना को लेकर एक दिसम्बर से गरीबों व असहायों को चिन्हित करने का आदेश है। वहीं शासन द्वारा 33 लाख रुपये की मंजूरी जिले को मिल चुकी है।
जिसमें 30 लाख के कम्बल एवं तीन लाख के अलाव की लकड़ी चिन्हित स्थानों पर रखवाने का आदेश है, लेकिन अभी तक अलाव का नामों निशान नहीं है। जबकि ठंड अपनी पूरी जवानी पर है। बीते तीन दिनों से ठंड में बढ़ी गलन में लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। गरीब असहाय लोग सड़क किनारे कूडे बीनकर उसमें आग लगाकर हाथ सेंकते नजर आये। लोगों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष अधिकारियों का यही रवैया रहता है। जब गरीब ठंड से मरने लगते है, तब जाकर अलाव रखवाये व कम्बल बांटे जाते है।
कूडे के ढेरों में लगाई आग तब मिली राहत
बताते चलें कि शासन से पैसा मंजूर होने के बाद जिले के उच्चाधिकारियों ने जिले की सही तहसीलों में अलाव की लकड़ी के लिये 50-50 रुपये भिजवा दिये है। जबकि अलाव के स्थान पहले चिन्हांकित है। लेकिन यह सिर्फ तहसील प्रशासन की लापरवाही है। वहीं रविवार का दिन बुजुर्गाें व बच्चों के लिये ठंडग्रस्त रहा। पूरे दिन गलन व कोहरे से बच्चे व बुजुर्ग बिलबिलाते रहे। प्रमुख चौराहो, रेलवे स्टेशनों व बस स्टेशनों पर अलाव न जलने से राहगीर व यात्री ठिठुरते रहे। शाम होते ही गरीब व असहाय लोगों ने कूडे के ढेरों को तलाशना शुरू किया। जिसके बाद उसमें आग लगाकर राहत महसूस की। वही रेलवे स्टेशन पर यात्री प्रतीक्षालय मे दुबके रहे।
किस तहसील में कितने अलाव जलेंगे
शासन के सचिव एवं राहत आयुक्त ने ठंड से निजात दिलाने के लिये बीते सप्ताह कानपुर देहात को तैंतीस लाख रुपये भेज दिये थे। जिसके बाद जिले के एडीएम वित्त एवं राजस्व ने जिले की सभी तहसीलों मे रुपये आवंटित कर दिये थे। जिससे अलाव जलाकर लोगों को राहत दी जा सके। इनमें से डेरापुर तहसील मे 21 अलाव, रसूलाबाद तहसील मे 20 अलाव, सिकन्दरा में 16 अलाव, अकबरपुर मे 14, मैथा में 13 एवं भोगनीपुर मे 7 अलाव जलाये जायेंगे। वहीं नगर पालिका परिषद पुखरायां सहित अकबरपुर, शिवली, रूरा, झींझक, रसूलाबाद, डेरापुर, सिकन्दरा, अमरौधा आदि स्थानो पर भी अलाव की व्यवस्था की जायेगी।
अपर जिलाधिकारी वित्त एव राजस्व अमरपाल सिंह ने बताया कि तहसीलों को अलाव की लकड़ी के लिये पचास पचास हजार रुपये आवंटित कर दिये है। अलाव जलने वाले स्थान पहले से ही चिन्हांकित है। सभी तहसीलदारो को सर्दी से राहगीरों को बचाने के लिये अलाव जलवाने व शेल्टर हाउस में व्यवस्था चाक चौबंद रखने के निर्देश दिये गये है। वहीं कम्बल खरीद की प्रक्रिया भी चल रही है। जल्द ही गरीब असहायों को कम्बल वितरित किये जायेंगे।