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कानपुर

इस गांव में टायर जलाकर पढ़ते हैं बच्चे, सरकार नहीं दे रही ध्यान

संतोष केवट ने बताया कि 1983 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बिठूर आई थीं। हमारे पिता जी के साथ ही गांव के दो दर्जन लोग उनसे जाकर मिले थे और बिजली की व्यवस्था कराए जाने की मांग की थी। 

कानपुरAug 31, 2016 / 03:41 pm

आकांक्षा सिंह

electric poll

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कानपुर। मैनावती मार्ग से करीब आठ किमी की दूरी पर बसे दुर्गापुरवा गांव में आजादी के 70 साल बीत जाने के बावजूद 80 परिवार के लोग अंधेर में रहने को विवश हैं। लगातार 6 बार यहां से भाजपा के टिकट से प्रेमलता कटियार विधायक बनती आ रही थी, लेकिन 2012 में यहां के लोगों ने जनप्रतिनिधि बदल दिया और पहली बार साइकिल को वोट देकर मुनीन्द्र शुक्ला को विधायक बनाया। जीतने के बाद आज तक विधायक गांव नहीं आए। 350 आबादी वाले गांव में बिजली न होने के चलते बच्चे टायर जलाकर पढ़ते हैं। बिजली के चलते हालात इतने बिगड़ गए हैं कि 25 साल से कोई भी बेटी इस गांव में ब्याह कर नहीं आई। कन्हैया ने बताया 40 साल की उम्र बीत गई, लेकिन शादी नहीं हुई।

जब इंदिरा को बताई बिजली की समस्या

संतोष केवट ने बताया कि 1983 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी बिठूर आई थीं। हमारे पिता जी के साथ ही गांव के दो दर्जन लोग उनसे जाकर मिले थे और बिजली की व्यवस्था कराए जाने की मांग की थी। इंदिरा गांधी ने डीएम को बुलाकर लताड़ा और बिजली के लिए तत्काल पोल व तार लगाए जाने के आदेश दिए थे। डीएम ने दो समय दो पोल और बिजली के तार गांव भिजवाए भी थे, लेकिन 20 साल तक वह एक कमरे में रखे रहे और बाद में उन्हें बेच दिया गया। 

पांच दर्जन छोरे बिजली के चलते कवांरे

गांव में बिजली न होने के कारण यहां पांच दर्जन कुवांरे हैं। रमेश केवट ने बताया कि उसके चार बेटे हैं, जिनमें दो की उम्र 40 के पार हो गई है, वहीं दो शादी का इंतजार कर रहे हैं। रमेश के मुताबिक हमारे गांव में कोई भी परिवार अपनी बेटी का ब्याह करने को तैयार नहीं है। 25 साल पहले राहुल की शादी हुई थी। शादी के बाद वह पत्नी को लेकर शहर चला गया। रमेश का कहना है कि अब नई उम्र के लड़के शादी न होने के चलते गांव से पलायन कर रह शहर में किराए के मकान में रहने को विवश हैं। 

प्रधान के धरने के बाद गढ़े थे पोल

पार्वती देवी ने बताया कि हम लोग एक साल पहले गांव में प्रधान के घर में जकार बैठ गए। जिसके बाद प्रधान ने बिजली शुरू कराने का आश्वासन दिया। प्रधान ने कल्याणपुर ब्लाॅक में जब धरने पर बैठा तब कहीं जकर बिजली के 6 पोल गड़े थे। पार्वती ने बताया कि बरसात के मौसम में जहरीले जन्तु निकल आते हैं और कई बच्चों को डस भी चुके हैं। रात में हम लोग केरोसिन न होने के चलते साइकिल का टायर जलाकर रात गुजारने को मजबूर हैं।

लोहिया गांव होने के बावजूद बिजली नहीं

ग्राम प्रधान के प्रयास के ख्योरा कटरी को 2014 में लोहिया ग्राम पंचायत के दर्जा दिया गया। इस ग्राम पंचायत के आधीन 6 गांव आते हैं, जिनमें से सिर्फ दो गांव में ही बिजली है, बाकि में पोल गड़ने के बावजूद तार नहीं खिंचे। प्रधान अशोक मल्लाह ने बताया कि बिजली समस्या को लेकर बिजली मंत्री पियूष गोयल और पीएमओ को कई बार खत लिखा। इसके बाद पीएमओ के हरकत में आने के बाद राज्य सरकार हरकत में आई और पांच माह पहले बिजली के पोल दो गांव में लगाए गए। 

जल्द तार के साथ बिजली की होगी आपूर्ति 

स्थानीय विधायक मुनीन्द्र शुक्ला से तब इस बारे में बातचीत की गई तो उनका कहना था कि बिजली के पोल गड़ चुके हैं, लेकिन तार नहीं खींचे जाने की जानकारी मिली है। जल्द ही पूरे प्रकरण में डीएम से बातचीत कर बिजली शुरू कराई जाएगी। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि अगर दुर्गापुरवा में बिजली नहीं पहुंची तो जिला प्रशासन से बात की जाएगी। हम शुक्रवार को खुद गांव जाकर वहां के हालाल देखेंगे। अगर प्रशासन ने हमारी नहीं सुनी तो बिजली मंत्री से मैं खुद जाकर मिलूंगा और एक माह के अंदर बिजली शुरू करवाएंगे। 
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