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सफेद पोशाक और हाथ में औजार, ‘भूत’ कैप्टन सिगरेट की करता है डिमांड 

locationकानपुरPublished: May 27, 2017 01:48:00 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

सफेद पोशाक और हाथ में औजार, ‘भूत’ कैप्टन सिगरेट की करता है डिमांड 

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कानपुर. कई दशक तक कानपुर में अंग्रेजों का शासन रहा। यहीं से इनके खिलाफ क्रांतिकारियों ने आजादी का बिगुल फूंका। इसी दौरान सैकड़ों गोरे क्रांतिकारियों की गोली का शिकार हुए। इन्हीं में एक अंग्रजी फौजी विक्सन था, जिसकी हत्या 1940 को सिविल लाइंस स्थित कर दी गई थी। मरने के बाद भी वह आज भी कनपुर के लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। लोगों का कहना है कि पौश इलाके में बने ग्रेव यार्ड के अंदर विक्सन की आत्मा रहती है और रात दो बजे वह सफेद लिवाज, हाथ में हथियार लेकर निकलता है और ठाठ से टहलता है। कई लोगों ने उसको अपनी आंखों से देखा है और टोकने पर वो अपने आप लापता हो जाता है। बबलू गुप्ता बताते हैं कि वो पहले अक्सर राहगीरों से कैप्टन सिगरेट की डिमांड करता था और जिसने उसकी मांग पूरी कर दी वो उससे प्रसन्न होकर आजाद करने की बात कर गायब हो जाता था।

77 साल पहले यहीं पर हुई थी हत्या

शहर के पॉश इलाके सिविल लाइंस स्थित ग्रेव यार्ड के पास 77 साल पहले विक्सन नाम एक फौजी की क्रांतिकारियों ने हत्या कर दी थी। मौत के बाद उसकी आत्मा का ठिकाना यहीं पर बन गया। रात दो बजे होते ही वो सड़क पर निकलता है और कैप्टन सिगरेट की डिमांड करता है। अगर कोई डर गया तो वह उस हावी हो जाता है। सिविल लाइंस निवासी बबलू गुप्ता (55) बताते हैं कि जब उनकी उम्र 10 साल की थी तो अपने पिता के साथ एक शादी समारोह से घर लौट रहे थे। जैसे ही हम चौराहे के पास आए तो अंग्रेज फौजी की आत्मा से हमारा सामना हो गया। पिता जी हाथ पर डंडा लिए थे और उसकी तरफ मारने को दौड़े तो वह लापता हो गया। इसके बाद पिता जी बीमार पढ़ गए। झाड़-फूंक कराई गई तब कहीं जाकर उसके छाए से पिता जी छूट पाए।
 
ग्रेव यार्ड पर लगाता है चौपाल 

स्थानीय लोगों का कहना है कि विक्सन अपने साथियों के साथ ग्रेव यार्ड के पास रात के करीब 12 बजे चौपाल लगाता है। बिल्डिंग के अंदर अंधेरा होने के बावजूद रोशनी साफ तौर पर देखी जा कसती है। सिविल लाइंस के चाय की दुकान लगाने वाले राजू ने बताया कि हमारे परिजन अक्सर बताते रहे हैं कि ग्रेव यार्ड में अंग्रेज सेना, अफसरों की आत्माओं का वास है। राजू बताते हैं पांच साल पहले भीषण ठंड थी। हम अपने छोटे भाई के साथ रात तक दुकान खोल रहे। रात करीब 11 बजे जैसे ही दुकान बंद की तो एक आदमी बिल्डिंग से निकलकर आया और कॉफी की डिमांड की। पहले हमने उसे आम इंसान समझा और कॉफी नहीं होने की बात कह दी, बावजूद वो वहां से नहीं हटा। हमने जैसे ही माचिस की तीली जुलाई वह लापता हो गया। ऐसे घटनाएं हमारे साथ कई बार हुई और उन्होंने हमें परेशान नहीं किया, तो हमने भी उन्हें नही छेड़ा।
 
डेढ़ साल पहले एक युवक की हुई थी मौत
 
सिविल लाइंस इलाके में नवाबगंज के एक युवक की हादसे में मौत हो गई थी। हादसे के वक्त कुछ दूरी पर खड़े पेट्रोलपंप कर्मी ने बताया कि युवक बाइक खड़ी कर सिगरेट पी रहा था। तभी एकाएक वह उछल कर बीच सड़क पर आ गिरा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई, लेकिन जो सिगरेट वह पी रहा था वह हादसे के पास से नहीं मिली। कर्मी के मुताबिक अंग्रेज की आत्मा ने उसके ऊपर झपट्टा मारकर हाथ से सिगरेट छीन ले गया। कर्मी के मुताबिक इस चौराहे के पास अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं और पुलिस-प्रशासन ने इसे डेथ प्वाइंट का नाम दिया है। अब तो रात में यहां पर पुलिस की पिकेट तैनात रहती है, जिसके चलते अब अंग्रेज फौजी की आत्मा कम दिखाई पड़ती है।
 
कैमरा देखते ही ओझल हो जाती है आत्मा

बबलू गुप्ता बताते हैं कि हम लोगों ने कईबार मोबाइल और कैमरे के जरिए उसकी तस्वीर कैद करने की कोशिश की, लेकिन वह इतना शातिर है कि कैमरा देखते ही गायब हो जाता है। एक युवक ने पंद्रह सेकेंड का वीडियो एक साल पहले बनाया था। लोगों को उसने दिखाया भी। जैसे युवक वीडियो फुटेज मीडिया को देने के लिए निकला, वैसे ही सिविल लाइंस चौराहे के पास उसका एक्सीडेंट हो गया और वह बुरी तरह से घायल हो गया। पांच माह तक उसका इलाज चला। हादसे के बाद मौके से उसका मोबाइल गायब हो गया। इसी के बाद फिर किसी ने भूत का वीडियो बनाने की हिम्मत नहीं की।
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