कानपुर देहात. बेटे की मौत की खबर पाते ही डेरापुर क्षेत्र के शेरपुर गांव में मातम छा गया। पत्नी व बच्चे अपने होश गंवा बैठे। 39 वर्षीय संजय यादव केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में नीमच में तैनात था, लेकिन पिछले कुछ दिन पूर्व उरी हमले के बाद से सीआरपीएफ का जवान बारामूला में भेजा गया था। संजय सीआरपीएफ में ट्रक चालक के रूप में तैनात था। बीती रात बारामूला में अचानक आतंकवादियों ने एक बड़ा विस्फोट किया। जिसकी चपेट में आने से संजय ने दम तोड़ दिया। सीआरपीएफ कैम्प से परिजनों को जवान के शहीद होने की सूचना मिली है। जिसके बाद घर सहित समूचे गांव में लोगों की आंखे भीग गयी।
14 वर्ष पूर्व सीआरपीएफ में नियुक्ति हुयी थी
गठीले बदन के संजय यादव की सेना में रहकर देश की रक्षा करने की ख्वाहिश थी। बताया जाता है कि उसे भारतीय सेना का हिस्सा बनकर देश के लिये कुछ कर गुजरने की ललक थी, लेकिन सेना में न होकर उसकी नियुक्ति 14 वर्ष पहले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में हो गयी। कुछ माह पहले वह पढ़ाई के चलते अपने बच्चों प्रियांशु व प्रियांशी को लेकर अकबरपुर रह रहा था। लेकिन जैसे ही पत्नी को संजय के शहीद होने की सूचना मिली। वह रोते बिलखते हुये बच्चों को लेकर गांव चली गयी। जिसके बाद गांव में सांत्वना देने वालों का तांता लग गया।
आज होगा शहीद का अंतिम संस्कार
बेटे की मौत की सूचना मिलने के बाद जब सीआरपीएफ के अफसरों से बात की गयी, तो पता चला कि जवान का पार्थिव शरीर वहां से लेकर निकल चुके है। जानकारी मिली कि सुबह तक लखनऊ पहुंचे। मातम की स्थिति में समूचे गांव में लोगों ने अपने घर का चूल्हा नहीं जलाया। बताया गया कि जवानों की एक टुकडी के साथ रविवार देर शाम तक शव गांव पहुंचने के बाद सम्मान सहित पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जायेगा।
ग्रामीणों का कहना है कि संजय स्वभाव से मृदुभाषी था। गांव आने पर गांव के प्रत्येक बुजुर्ग के पैर छूकर आशिर्वाद लेता था। किसी भी असहाय की मदद करने में उसे बहुत खुशी मिलती थी। गांव के युवाओं को अच्छी तरह पढ़ाई करके भारतीय सेना में भर्ती होने के लिये प्रेरित करने वाला संजय अब इस दूसरी दुनिया का वासी हो गया। इतना कहते ही लोगों के आंसू छलक आये।
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