AK. 47 से लैस RPF के कमांडो के जिम्मे होगी ट्रेनों की सुरक्षा
ट्रेन यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने के लिए रेलवे ने अब एके 47 जैसे
अत्याधुनिक असलहों से लैस आरपीएफ के कमांडो को स्कॉट में लगाने का फैसला
लिया है। इसके लिए आरपीएफ सिपाहियों की सूची तैयार करके रेलवे बोर्ड को
भेजी जा रही है।
कानपुर. सेंट्रल स्टेशन से पूरे देश के लिए 375 ट्रेनें आती और जाती हैं, जिनमें मात्र 16 ट्रेनों में ही आरपीएफ की स्कॉट टीम चलती है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ट्रेन यात्रियों को सुरक्षित सफर कराने के लिए रेलवे ने अब एके 47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से लैस आरपीएफ के कमांडो को स्कॉट में लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए आरपीएफ सिपाहियों की सूची तैयार करके रेलवे बोर्ड को भेजी जा रही है।
कमांडो की तैयारी पूरी होने के बाद जीआरपी से ट्रेन स्कॉट की कमान छिन सकती है। आरपीएफ जांबाज जवानों को कमांडो की ट्रेनिंग दे रहा है। आरपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में अब तक करीब 150 कमांडो तैयार हो चुके हैं जिसमें कानपुर के तेज तर्रार जवानों को इलाहाबाद में ट्रेनिंग दी जा रही। ये कमांडो उन ट्रेनों की सुरक्षा में लगेंगे जिनमें डकैती, लूट व अपराध अधिक होते हैं। ऐसी ट्रेनों को चिह्नित करने का काम शुरू हो गया है, जिसके लिए पिछला रिकार्ड निकाला जा रहा है।
और ट्रनों में स्कॉट को मिलेगी जिम्मेदारी
कानपुर की आरपीएफ अभी सभी राजधानी एक्सप्रेस, महाबोधि, ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस समेत 16 ट्रेनों में स्कॉट करती है लेकिन जल्द आरपीएफ को कई अन्य ट्रेनें भी स्कॉट के लिए मिल जाएंगी। जाबांज कमांडो की संख्या एक ट्रेन में तीन होगी। बताते चलें कि अभी तक रेलवे में अपराध से संबंधित सारा कार्य जीआरपी और संपत्ति की सुरक्षा का सारा कार्य आरपीएफ के हाथों में हैं लेकिन रेलवे ये चाहता है कि जीआरपी का सारा कार्य आरपीएफ यानी रेलवे सुरक्षा बल के हाथों में आ जाए। यही वजह है अब आरपीएफ को किसी भी आपराधिक मामले में रिपोर्ट भी दर्ज करने का आदेश प्राप्त है।
इन ट्रेनों में जीआरपी का स्कॉट
रेलवे की इन ट्रेन में 12003 स्वर्णशताब्दी, 14163 संगम, 12451.12452 श्रमशक्ति, फरक्का, सीमांचल, अजमेर सियालदह, तूफान, कोटा पटना, गरीबरथ, संपर्क क्रांति, ओखा आदि प्रमुख ट्रेनों में ट्रेन स्कॉट जीआरपी करती है। वहीं ट्रेनों में सर्वाधिक डकैती की घटनाएं गाजियाबाद से कानपुर के मध्य हुई हैं इनमें श्रमशक्ति एक्सप्रेस, जनसाधारण, सप्तक्रांति, संगम, ऊंचाहार, साबरमती, पूर्वा, प्रयागराज एक्सप्रेस प्रमुख रूप से शामिल हैं।
1.50 लाख यात्री हरदिन करते हैं सफर
कानपुर सेंट्रल में हरदिन 375 ट्रेनों का आवागमन होता है, जिसमें हरदिन 1.50 लाख यात्री सफर करते हैं। जहां हररोज दिन में कानपुर सेंट्रल से 200 ट्रेनें रात में गुजरती हैं, वहीं 175 ट्रेन दिन में निकलती हैं। कानपुर से दिल्ली ट्रैक को अतिसंवेदनशील क्षेत्र कहा जाता है। जहां लूट डकैती और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है। इस रुट पर गाजियाबाद, अलीगढ़, टूंडला, हाथरस, इटावा, जसवंत नगर, झकरकटी पुल के नीचे अतिसंवेदनशील क्षेत्र हैं। वहीं प्रमुख आरपीएफ थाना सेंट्रल स्टेशन, जूही, जीएमसी, अनवरगंज, भीमसेन स्टेशन पर आरपीएफ थाने हैं। इसके अलावा प्रमुख जीआरपी थाना.चौकी सेंट्रल स्टेशन, भीमसेन, पुलिस चौकी गोविंदपुरी, अनवरगंज स्टेशन हैं।
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