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सपा में लड़ाई से कानपुर में भी मची खलबली

locationकानपुरPublished: Oct 23, 2016 05:24:00 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

 राजनीति अखाड़े के माहिर सपा खली को पहली बार घर के पहलवानों ने ही पटखनी दे दी | 

Samajwadi Party

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विनोद निगम.
कानपुर. यूपी में नेता जी के नाम से जाने वाले सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह के कुनबे में लगभग फूट पढ़ चुकी है | बेटा चाचा और अंकल को दल में देखना नहीं चाहता तो भाई भी भतीजे से अब खुलकर दो-दो हाथ करने को तैयार हो गए हैं | सपा के घर की कलह सुबह से कानपुर नगर और देहात में देखने को मिली | नगर में सीएम के समर्थक नवीन मार्केट कार्यालय में कब्जा कर राजधानी में चल रही है हरकत पर नजर बनाए हुए थे तो वहीं शिवपाल गुट के लोग रावतपुर में एक मकान पर बैठ कर चल रही हर गतिविधि को टीवी पर देख रहे थे | 

सपा के घर की कलह अब खुलकर सामने आ गई है | जिस तरह से सीएम ने अपने चाचा शिवपाल समेत कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया, इससे कानपुर में भी सपा के दो खेमे देखने को मिले | शिवपाल गुट के दो विधायक सीएम की कार्रवाई से खासे नाराज दिखे | उन्होंने कहा कि नेता जी और शिवपाल यादव के खून से तैयार की गई पार्टी को अखिलेश धरादल पर ले आए हैं | इसके साथ ही अब छोटे चौधरी का परिवार भी शिवपाल यादव के पक्ष पर आ गया है | अगर सूत्रों की माने तो सुखराम सिंह यादव ने नेता जी से यहां तक कह दिया है कि अखिलेश यादव को सीएम पद से हटाकर खुद बागडोर संभालें |

शिवपाल सीएम के बीच झगड़े की वजह यह 

जर्नलिज्म विभाग के एचओडी व सपा पर कई सालों से नजर रखने वाले पत्रकार अजय भट्ट के मुताबिक नेताजी के घर में राजनीति आग एक साल पहले ही लग गई थी। जब शिवपाल यादव के बेटे की शादी में अमर सिंह सहित कई नेताओं को बुलाया गया था। अखिलेश यादव अमर सिंह को किसी भी सूरत पर सपा परिवार के किसी समारोह में देखना नहीं चाहते थे | बावजूद उन्हें बुलाया गया और अखिलेश यादव ने महज कुछ मिनट के लिए शादी में आकर खानापूर्ति कर चले गए थे | उसी दिन अमर सिंह की सपा में वापसी लगभग तय हो गई थी और इसकी जानकारी सीएम को थी | 

बदले में सीएम ने बेरिया सहित कई को निकाला

भट्ट ने बताया कि अखिलेश यादव अपने चाचा के इस फैसले से इतने खफा हो गए कि उन्होंने उनके करीबियों को मंत्रिमंडल से एकाएक निकाल दिया | कानपुर के कद्दावर नेता व शिवपाल के खास शिव कुमार बेरिया के मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद वह एक सभा में खुले मंच से सीएम को तानाशाह तक कह डाला था | यह बात सीएम तक पहुंची तो उन्हें वह सपा से बाहर करने पर अढ़ गए, लेकिन शिवपाल और सुखराम के चलते वह कामयाब नहीं हो पाए | जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चयन पर सीएम की नहीं चली, शिवपाल गुट के लोगों को टिकट देकर लाल बत्ती से नवाजा गया |

कईयों को टिकट नहीं देना चाहते हैं सीएम

चाचा शिवपाल ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के साथ ही विधान परिषद की कई सीटों पर अपने लोगों को बैठा दिया | सीएम चुनाव से पहले तीन दर्जन सिटिंग विधायकों को टिकट नहीं देना चाहते | जबकि शिवपाल उन्हें टिकट देने पर अढ़े हैं | इतना ही नहीं अमर सिंह के करीबी एक दर्जन लोगों को भी शिवपाल सपा का टिकट देना चाहते हैं, सीएम इसके खिलाफ हैं | अजय भट्ट की माने तो नेता जी बड़ा फैसला ले सकते हैं | वह सीएम अखिलेश को हटाकर खुद कुर्सी संभाल सकते हैं | साथ ही शिवपाल से भी सपा प्रदेश अध्यक्ष का पद लेकर वह सारे निर्णय ले सकते हैं |
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