scriptआरक्षण देने से पहले हो जाटो के धन व जमीन का बंटवारा-पांचाल | Funds and land have to be divided before reservation -Panchal | Patrika News

आरक्षण देने से पहले हो जाटो के धन व जमीन का बंटवारा-पांचाल

locationकरनालPublished: Mar 30, 2015 01:51:00 pm

पिछडा वर्ग ने जाटों को आरक्षण देने की पैरवी करने का जताया विरोध, केंद्रीय मंत्री तथा भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुतले फूंके

Jat resvertion

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करनाल। पिछड़ा वर्ग आरक्षण बचाओ अधिकार मंच के आह्वान पर पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बचाने के लिए भाजपा केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पुतले फूंके। पिछड़ा वर्ग के लोगों का कहना था कि भाजपा केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी राजनीति चमकाने के लिए जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिलाने पर तुले हैं। जिसे पिछड़ा वर्ग कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।

प्रदर्शन से पूर्व नेहरू पार्क में पिछड़ा वर्ग के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधान महेंद्र सिंह पांचाल ने कहा कि पिछली कांगे्रस सरकार ने जाटों को ओबीसी में आरक्षण देकर अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा किया था। जाटों को ओबीसी में शामिल करने के लिए सर्वे करवाया गया था। सर्वे में जो भी रिपोर्ट पेश की गई वह बेबुनियाद व झूठी थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय करते हुए जाटों को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर दिया। जबकि उनके पिता स्व. रणबीर सिंह हुड्डा संविधान निर्मात्री सभा के सदस्य थे और उन्हें पिछड़ों की हालत के बारे में सब कुछ पता था, फिर भी आरक्षण मामले में पिछड़ों के साथ अन्याय हुआ।

उन्होंने कहा कि किसानों के नेता सर छोटूराम ने भी मंत्री होते हुए गरीब व पिछड़ों का घोर विरोध किया तथा गरीबों को गरीबी में रहने व मरने के लिए मजबूर किया। अब भाजपा भी उन्हीं नक्शे कदमो पर चलते हुए जाटों को ओबीसी में शामिल करने की पैरवी कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी जाट मंत्री पिछड़ों के दुश्मन हैं और जाटों को ओबीसी कोटे में शामिल किए जाने के निर्णय को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होने कहा कि यदि जाटों को आरक्षण चाहिए तो सबसे पहले धन व जमीन को बांटना चाहिए। जो भी जमीन हो वह राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करनी चाहिए। पिछड़े वर्ग के अधिकारों पर कोई भी हनन होता है तो वे कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने मांग की कि जाट जाति को केंद्र में ओबीसी में किसी भी कीमत पर शामिल न किया जाए। हरियाणा प्रदेश में केंद्र सरकार की तर्ज पर पिछड़ा वर्ग को सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों में क्लास-1 तथा क्लास-2 में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए जो उनका संवैधानिक अधिकार है। पिछड़ा वर्ग को संविधान की धारा 30 के तहत मैम्बर पंचायत से लेकर लोकसभा तक केंद्र में ओबीसी को भी एससी की भाति राजनीति में 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाए। केंद्र की नौकरियों में 1990 से लेकर आजत का ओबीसी का आठ प्रतिशत कोटा ही भरा गया है। जबकि 19 प्रतिशत बैकलॉग नहीं भरा गया है। उसे तुरंत भरा जाए। जाटों की धन, धरती बांट कर पिछड़े वर्ग को दी जाए।

मुख्य मांगें-
– जाटों को केंद्र के ओबीसी वर्ग में शामिल नहीं किया जाए।
– केंद्र की तर्ज पर हरियाणा में पिछड़ा वर्ग को क्लास-1 व टू में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिले।
– संविधान की धारा 340 के तहत पिछड़े वर्ग को पंचायत सदस्य से लोकसभा तक एससी की तर्ज पर 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए।
– केंद्रीय नौकरियों में 1990 से आज तक खाली 19 प्रतिशत कोटे को तत्काल भरा जाए।
– जाटों को आरक्षण देने से पहले संपत्ति व जमीन का पिछड़े वर्ग में बंटवारा किया जाए।
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