एक ही दिन में तीन नाबालिग लड़कियों को बालिका वधु बनने से बचाया
करनालPublished: Jul 09, 2017 03:33:00 pm
नाबालिग लड़कियों की शादी करवाए जाने के मामले सामने आए लेकिन पुलिस व बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय की
three minor girls rescued from child marriage
जींद। जिले में नाबालिग बच्चों की शादी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिले के अलग अलग स्थानों पर तीन नाबालिग लड़कियों की शादी करवाए जाने के मामले सामने आए लेकिन पुलिस व बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय की मुस्तैदी के चलते तीनों लड़कियां बालिका वधु बनने से बच गई। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर को पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि ईन्टल कलां गांव में दो नाबालिग बहनों की शादी करवाई जा रही है। एक बारात हिसार के गैबीपुर व दूसरी बारात जीन्द के सफाखेडी से आई हुई है व बडी लडकी के फेरों की तैयारी जारी है।
सूचना पर कार्यवाही करते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, एएसआई राजबीर सिंह, एसपीओ सुरेशकुमार, महिला एसपीओ सुमनलता सदर थाना जीन्द पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो पाया गया कि परिजनों दवारा दोनों लड़कियों की शादी की तैयारी की जा रही थी। इस पर परिवार के लोगों से दोनों के के बालिग होने का प्रमाण पत्र मांगे गए तो दोनों लड़कियों का जन्म पत्र दिखाने में पहले तो टालमटोल की लेकिन दो घंटे के बाद जो जन्म प्रमाण पत्र दिखाए उनमें बडी लडकी की उम्र साढे 17 वर्ष व छोटी लडकी की उम्र साढे 15 वर्ष मिली जबकि बडे दुल्हे की उम्र 23 वर्ष व छोटे दुल्हे की उम्र साढे 25 वर्ष मिली। बडी लडकी बाहरवीं व छोटी लडकी ग्याहरवीं कक्षा की छात्रा मिली। इस पर परिजनों को समझाते हुए टीम ने दोनों लड़कियों का विवाह रोकने को कहा और तब तक शादी न करने को कहा जब तक दोनों लड़कियां बालिग नहीं हो जाती। इस पर दोनों परिवार सहमत हो गए और लिखित ब्यान दिए कि लड़कियों के बालिग होने पर ही उनकी शादी की जाएगी तथा दोनों बारातें खाना खाकर बिना दुल्हनों के ही वापिस लौट गई।
दूसरी सूचना मिली कि गांव डूमरखां खुर्द में भी एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात भी कुरूक्षेेत्र जिले के स्याक गांव से आ चुकी है। सूचना मिलते ही टीम सदर थाना नरवाना पुलिस के साथ डूमरखां खुर्द में विवाह स्थल पर पहुंचीं और दूल्हा व दुल्हन के परिवार वालों से दोनों के जन्म प्रमाण पत्र मांगे तो पहले तो दोनों परिवारों ने कोई भी सबूत देने में आना कानी की लेकिन जब सख्ती की तो जो सर्टिफिकेट पत्र दिखाए उनमें दूल्हन नाबालिग पाई गई और उसकी उम्र 17 वर्ष मिली जबकि कुरूक्षेेत्र से आया दुल्हा बालिग पाया गया। इस पर दोनों पक्षों को बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी दी गई और तब तक शादी न करने को कहा जब तक लड़की बालिग नहीं हो जाती। इस पर दोनों परिवार सहमत हो गए और लिखित ब्यान दर्ज करवाए कि लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी की जाएगी तथा बारात वापिस स्याक गांव बैरंग लौट गई।
ईन्टल कलां व डूमरखां खुर्द गांव में नाबालिग लड़कियों की शादी की सूचना प्राप्त हुई थी। जब उन्होने मौके पर पहुंचकर लड़कियों के आयु के प्रमाण पत्र जांचे तो तीनों लड़कियां नाबालिग पाई गई – रवि लोहान, सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी, जीन्द।