भारत-जापान के रिश्तों को नई ऊंचाई देने के लिए शनिवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे काशी में गंगा आरती करेंगे। दोनों दोपहर तक वाराणसी पहुचेंगे।
भारत-जापान के रिश्तों को नई ऊंचाई देने के लिए शनिवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे काशी में गंगा आरती करेंगे। दोनों दोपहर तक वाराणसी पहुचेंगे।
सज-धज कर तैयार काशी में जापान के साथ हुए करार को विस्तृत रूप मिलने की उम्मीद है। मोदी और शिंजों एबे डिनर टेबल पर बुलेट ट्रेन, नमामि गंगे व अन्य जापान के सहयोग से बनने वाले प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करेंगे। 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे की प्रस्तावित यात्रा वाराणसी के विकास के लिए अहम हो सकती है।
मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को क्योटो की तर्ज पर संवारने और वल्र्डक्लास बनाने के लिए शिंबो एबे के साथ मिलकर कई घोषणाएं कर सकते हैं। प्रधानमंत्री की 12 दिसंबर को प्रस्तावित यात्रा के लिए तैयारियां भी जोर-शोर की गई है।
सरकार कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहती है। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को सरकार ने शिंजो एबे की यात्रा को ध्यान में रखकर व्यवस्था का प्रभारी बनाया गया है। सारी तैयारीयां केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल की देख-रेख में हो रही हैं।
गंगा आरती में होंगे शामिल
सरकारी अधिकारी के जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री वाराणसी में जापानी प्रधानमंत्री की हवाई अड्डे पर अगवानी के बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्री दशाश्वमेघ घाट पर विश्व प्रसिद्घ गंगा आरती का नजारा देखेंगे और इस शहर के विकास पर भी मंथन करेंगे। खास पर्व पर होने वाली 12 दीपों वाली गंगा आरती भी होगी।
गंगा आरती के लिए 72 फीट लंबे और 18 फीट चौड़े दो स्टेज बनाए जा रहे है। दोनो प्रधानमंत्रीयों का शनिवार की शाम को विश्वनाथ मंदिर भी जा सकते है। सुरक्षा के मद्देनजर पिछले हफ्ते दिल्ली पहुंचे जापान के सुरक्षाकर्मी दो दिन पहले बनारस के लिए रवाना हो गए है।
एसपीजी के साथ जापान के अधिकारी सुरक्षा की कमान संभालेंगे। मोदी और शिंजो नौसेना की बनाई विशेष बोट की सवारी करेंगे और नाव पर वाराणसी के साथ ही देश में जापान के निवेश पर चर्चा करेंगे।