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अर्थव्यवस्था के लिए ‘रामबाण’ है जीएसटी 

वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल पुथल और मांग में गिरावट के बीच संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में वस्तु एवं सेवा कर विधेयक का पारित होना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ‘रामबाणÓ साबित हो सकता है। एक अनुमान के मुताबिक जीएसटी के लागू होने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में लगभग दो प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है। 

Nov 29, 2015 / 04:11 pm

Jyoti Kumar


चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अगर सरकार बुनियादी ढांचे पर जोर देना जारी रखती है तो वर्ष 2018- 19 यह आंकडा नौ प्रतिशत तक पहुंच सकता है। जीएटी के लागू होने से केंद्र तथा राज्य के कुल राजस्व में भी भारी इजाफा होगा। 

संसद के शीतकालीन सत्र में जीएसटी विधेयक के पारित होने से सरकार विदेशी निवेशकों को यह संदेश देने में कामयाब होगी कि आर्थिक सुधारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता बनी हुई है और ये उसकी प्राथमिकता में हैं तथा वह घरेलू स्तर पर आर्थिक चुनौतियों से निपट सकती है। 

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संसद के पिछले सत्र में कोई विधाई कामकाज नहीं होने के कारण सदन का काम सुचारु रुप से चलाने का जिम्मा इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद संभाला है। इसके लिए वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ङ्क्षसह से मिले है और विपक्षी नेताओं के साथ मेलजोल बढा रहे हैं। जीएसटी लोकसभा में पारित हो चुका है जबकि विपक्ष के विरोध के कारण राज्यसभा में लंबित है। 

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