जिला प्रशासन द्वारा सरकारी विभागों में हाजिरी, लोकेशन के लिए लागू किए लोकसेवक मोबाइल एप से बचने हो रहे तमाम प्रयास
कटनी. सरकारी दफ्तर या स्कूल पहुंचने के निर्धारित समय से आधा घंटा से एक घंटे लेट पहुंचना, घर में बैठकर फील्ड लोकेशन का वेतन लेना। कुछ माह पूर्व तक सरकारी विभागों में काम कर रहे ज्यादातर कर्मचारियों की नौकरी कुछ इसी तरह से चल रही थी। अब सरकारी कर्मचारी एक एप से परेशान हैं। जिला प्रशासन द्वारा जिले में सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किए गए लोकसेवक एप के बाद ज्यादातर कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। इन कर्मचारियों को लोकसेवक एप में हाजिरी नहीं लगानी पड़े इसके लिए नित नए बहाने भी बनाए जा रहे हैं। इसमें कुछ का कहना है कि उनके कार्यस्थल या स्कूल में मोबाइल का नेटवर्क कव्हरेज नहीं मिलता तो कुछ कर्मचारी कह रहे हैं कि जिला प्रशासन द्वारा लागू किए गए लोकसेवक में हाजिरी लगाने वे एंड्रायड एप कहां से लाएं। ऐसे कर्मचारियों की समस्या का तोड़ भी प्रशासन के पास है। लोकसेवक एप के टेक्निकल सेक्शन के अधिकारियों ने बताया कि इस एप में ऑफलाइन में भी हाजिरी लगती है। इसके अलावा जिले के सभी पंचायत में रोजगार सहायक, सचिव और आंगनबाड़ी में सरकारी एंड्रायड मोबाइल है। ऐसे में इन गांव में दूसरे विभाग में सेवाएं दे रहे कर्मचारी जिनके पास एंड्रायड मोबाइल नहीं है वे कर्मचारियों के मोबाइल से अपनी हाजिरी लगा सकते हैं। कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने बताया कि आमजनों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ सही रुप से मिले इसके लिए कर्मचारियों का फील्ड में रहना जरुरी है। लोकसेवक एप के माध्यम से सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी में कसावट आई है। एप के आधार पर कर्मचारियों को वेतन अनिवार्य किया गया है।
खासबातें:
– लोकसेवक एप को लेकर कलेक्टर द्वाारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कर्मचारियों का वेतन एप हाजिरी के आधार पर ही जनरेट होगा।
– एप को लेकर ज्यादा विरोध शिक्षकों द्वारा किया जा रहा है। जिन शिक्षकों के पास एंड्रायड मोबाइल नहीं है वे रोजगार सहायक, सचिव व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के मोबाइल से हाजिरी लगा सकते हैं।
– फील्ड में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों का लोकेशन एप से ट्रेस होने के बाद पटवारी से जुड़ी परेशानी ग्रामीणों की कम हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि अब पटवारी क्षेत्र में दिखने लगे हैं।