बुरहानपुर की ताप्ती नदी के किनारे राजघाट पर बना है शिवमंदिर। यहां ऋषियों-मुनियों ने तपस्या की और पूजा करने के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी।
बुरहानपुर. राजघाट स्थित शिव मंदिर शहर के अतिप्राचीन मंदिरों में शामिल हैं। यहां हर दिन श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए भीड़ रहती है। मंदिर को किसने और कब बनाया यह तो दावे के साथ कोई नहीं बता सका, लेकिन यहां मौजूद पुजारी ने कहा कि 100 साल से अधिक समय से यहां मंदिर हम बना हुआ है।
सूर्य पुत्री ताप्ती नदी के राजघाट पर आने वाला हर भक्त यहां बने शिव मंदिर के दर्शन जरूर करता है। ताप्ती नदी की महिला बहुत प्राचीन है। मंदिर के पुजारी फकीरा उस्ताद बताते है कि सूर्यपुत्री ताप्ती नदी के किनारे कई ऋषियों मुनियों और साधु संतों ने तपस्या की और वे पूजा करने के लिए शिव लिंग की स्थापना किया करते थे। कहा जाता है कि ताप्ती नदी किनारे स्थित शिवमंदिर भी उन्ही मंदिरों में से एक है। जिसे प्राचीनतम समय में बनाया है। सावन माह में यहां भक्त प्रतिदिन सुबह शाम आराधना करने के लिए हैं। साथ ही यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम हुआ करते हैं। मंदिर पर प्रतिदिन सुंदरकांड आरती होती है।
श्रावण में सोमवार के दिन मंदिर में दिनभर हवन पूजन किया जाती है। भक्त राजेंद्र चौहान ने बताया कि मंदिर अतिप्राचीन है। यहां आने वाले भक्त की हर मुरादे पूरी होती हंै। सावन के महीने में मंदिर पर भक्तों की भीड़ हुआ करती है।