शहर के समाजसेवी महेश सोनी ने चीनी आइटम का बॉयकाट करने का दिया संदेश, सोशल साइट्स पर वायरल हो रही पोस्ट, सैकड़ों लोगों ने सराहते हुए शेयर किया
खरगोन. अश्विन गोस्वामी चीन के खिलाफ हमारे देश में आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं। लोग चीनी सामान का बहिष्कार करने के साथ ही उसे मानसिक और आर्थिक आघात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शहर में सामने आया।
शहर के समाजसेवी महेश सोनी ने करीब पांच माह पहले आनलाइन मार्केटिंग साइट्स पर चीन में बनी एटीवी फोर व्हीलर बाइक देखी। पसंद आने पर उन्होंने इसे आर्डर कर दिया। कंपनी ने बाइक खरीदने के लिए केश ऑन डिलेवरी ऑप्शन दे रखा था। बुकिंग के करीब एक माह बाद बाइक सूरत के समीप बंदरगाह पर पहुंचीं। करीब तीन माह पहले सूरत से कंपनी के एजेंट का फोन आया। उन्होंने सूरत में पैसा जमा करवाकर बाइक ले जाने की बात कहीं।
सोनी ने बताया भारतीय सीमा में चीन के बढ़ते दखल के बाद हमें यह बाइक खरीदना नहीं था, लेकिन चीन को आर्थिक और मानसिक चोट देकर उसे सबक सीखाना चाहता था। इसलिए एजेंट को बाइक ट्रांसपोर्ट के माध्यम से इंदौर भेजने की बात कहीं। एजेंट ने यह बात भी मान ली। करीब एक माह पहले बाइक इंदौर के बड़े गणपति क्षेत्र के एक ट्रांसपोर्ट पर आई। सोनी ने अपने बेटे विष्णु सोनी के साथ जाकर बाइक देखी। सोनी ने बिल्टी पर लिखा कि हमें चीन और उसके सामान पर बिल्कुल भरोसा नहीं हैं। इसके बाद सोनी ने ट्रांसपोर्ट संचालक को बाइक वापस भेजने की बात कह डाली। सोनी ने बताया कि आखिरी में एजेंट 45 हजार रूपए में बाइक देने को तैयार हो गया। इस मुद्दे पर दोनों के बीच काफी बहसबाजी भी हुई, लेकिन सोनी देशप्रेम को प्राथमिकता देने की बात कहते हुए बाइक नहीं खरीदने पर अडिग़ रहे।
सोशल साइट्स पर मिल रहा समर्थन
बाइक लौटाने के बाद सोनी ने मामला फेसबुक पर शेयर किया। उन्होंने बाइक के साथ बिल्टी की कॉपी भी डाली। फेसबुक पर डालते ही बड़ी संख्या में लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की। करीब 10 से ज्यादा लोगों ने शेयर किया वहीं 100 से अधिक ने कमेंट्स कर उनका साथ दिया।
बार्डर पर नहीं दिमाग से तो लड़ सकता हूं..
समाजसेवी सोनी एक हाथ से निशक्त: हैं। उनका कहना हैं कि मैं बार्डर पर जाकर तो लड़ नहीं सकता, लेकिन दिमाग से तो चीन पर वार कर सकता हूं। भारत चीन के व्यापार का एक बहुत बड़ा हिस्सा हैं। हम सामान नहीं खरीदें तो चीन की कमर टूट जाएगी। हमें चीनी वस्तुओं का बायकाट कर कड़ा संदेश देना चाहिए।