छोटी सी उम्र में हमें सही और गलत का पता नहीं होता हैं, हम आपको बताएंगे कि बचपन में हमें कौन सी 10 गलतियां नहीं करनी चाहिए…
नई दिल्ली। हर किसी को अपना बचपन याद आता है। बचपन एक ऐसी उम्र होती है जब हम बिना किसी टेंशन के जीवन का आनंद लेते हैं। छोटी सी उम्र में हमें सही और गलत का पता नहीं होता हैं। हमें ये भी नहीं पता होता कि हम जो कर रहें हैं उसका आने वाले वक्त में क्या परिणाम होगा। आज हम आपको बताएंगे कि बचपन में हमें कौन सी 10 गलतियां नहीं करनी चाहिए…
गलत संगत में पड़ जाना
बहुत से बच्चे बचपन ही में ऎसी संगत में पड़ जाते है कि उनकी जवानी पूरी तबाह हो जाती है। कुछ बच्चों को बचपन में ही अश्लील किताबे पढ़ने या अश्लील साइटे देखने की लत पड़ जाती जो उनकी जवानी को बर्बाद कर देती है। इससे उनका शारीरिक विकास तो प्रभावित होता है साथ ही उनका मानसिक संतुलन भी बिगड़ जाता है।
स्मोकिंग की लत लगना
कहते हैं बच्चे सबसे ज्यादा बचपन में ही बिगड़ते है। बच्चों पर संगत का असर बहुत जल्दी होता है। बच्चे स्कूल या कॉलेज के दिनों में गलत संगत का शिकार हो जाते हैं और वो तरह-तरह के नशे करने लगते है। यहीं बचपन की नादानियां आगे चलकर उनकी लत बन जाती है। जैसे सिगरेट पीना, बीड़ी पीना, गांजा, चरस, शराब आदि की लत जो उनकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर देती है।
लड़कियों से दूरी बनाना
कई बच्चे बचपन से ही बहुत शर्मिले होते है और लड़कियों को पटाना तो दूर खुलकर बात भी नहीं कर पाते है। ऎसे बच्चे जवानी में लड़कियों से दूर भागते फिरते है। यह आदत उनको जवानी में दुख देती है। क्योंकि जब भी कोई इंवेट या कहीं ऑफिस में काम करने जाते हैं तो वो लड़कियों या महिलाओं से खुलकर बात नहीं कर सकते जिससे उनका काम काफी प्रभावित होता है।
जमाने के हिसाब से नहीं चलना
जमाने के हिसाब से चलना भी जिंदगी में बहुत मायने रखता है। अगर बच्चे बचपन से ही पुरातनवादी होंगे तो वो कभी इस चक्रव्यूह से नहीं निकल पाएंगे, और वो इस टेक्नोलॉजी के जमाने में पिछड़ जाएंगे। इसलिए ज्यादा पुराने विचारों में ना फंसे आजकल के जमाने हिसाब से अपने मांइड का डवलपमेंट करें ताकि भविष्य में परेशान नहीं होना पड़े।
शारीरिक आकर्षण में किया प्रेम
हर बच्चा चाहता है कि बचपन से ही उसकी बॉडी स्ट्रांग हो। लेकिन केवल बॉडी स्ट्रांग होने से ही जीवन नहीं चलता। बॉडी स्ट्रांग होने के साथ-साथ दिमाग का अच्छा विकास होना भी बहुत जरूरी है। इसलिए शारीरिक आकर्षण के साथ आपको बाहरी ज्ञान की भी जरूरत होती है।
दोस्ती को दुश्मनी में बदलना
बचपन की दोस्ती भी बहुत मायने रखती है। कुछ दोस्त ऎसे होते जो आगे चलकर बड़े-बड़े अधिकारी या किसी भी फिल्ड में ऊंचे पदों पर बैठते है। लेकिन अगर बचपन में ही उनसे दोस्ती तोड़ ली तो आप उनके साथ किस मुंह से बात कर सकते हैं। हमेशा बुढ़े-बुजुर्ग कहते आए है कि आखिर दोस्त ही दोस्त के काम आता है। इसलिए बचपन की दोस्ती के जिंदगी में बहुत मायने होते हैं।
मां-बाप की कद्र नहीं करना
बचपन में मां-बाप की कद्र नहीं करने से आपके मन में प्यार पाने की लालसा हमेशा अधूरी रह जाती है। क्योंकि बचपन में आपने मां-बाप की कद्र नहीं कि और आपको वो सारा प्यार नहीं मिल पाया जो आपको मिलना चाहिए था। आज आप उसी प्यार के तरस रहे जो बचपन में गवां दिया।
अंग्रेजी व गणित से जी चुराना
बचपन की मौज-मस्ती में अंग्रेजी व गणित विषय पर फोक्स नहीं करना आपको जवानी में भारी पड़ सकता है। क्योंकि जब भी हम कहीं काम पर जाते हैं तो फिस्डी साबित होते हैं। क्योंकि आज के जमाने में आंख से आंख लड़ाकर अंग्रेजी में बात करना बहुत जरूरी हो गया है। वर्ना आप इस जमाने में पिछड़ जाओगे।
दूध नहीं पीना
बचपन में बच्चों के दूध नहीं पीने से उनके शरीर का पूर्णरूप से विकास नहीं पाता है। जिसकी जिल्लत वो जिंदगी भर उठाते रहते है। एक कहावत है, बचपन का खाया हुआ जवानी में काम आता है।
समय पर पढ़ाई नहीं करना
बचपन में खेलने-कूदने के साथ पढ़ाई करना भी बेहद जरूरी है। अगर आपने समय के साथ पढ़ाई नहीं तो आप इस दुनिया में पिछड़ जाओगे और जब वापस मुड़कर देखोंगे तो आपको कुछ दिखाई नहीं देगा केवल शर्मिदंगी के अलावा। इसलिए समय के साथ चलने के लिए बचपन से ही पढ़ाई करना बेहद जरूरी है।