अच्छे पापा बनने के लिए बच्चों की खातिर शुरू करें मुस्कुराना
Published: Aug 24, 2016 11:09:00 am
पिता कितने स्ट्रेस में हैं, इसका बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर असर पड़ता है, इसलिए शांत रहने की कोशिश करें
एक पिता का साथ बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अलग-अलग शोध यह साबित कर चुके हैं कि छुटपन से बच्चे पिता के मूड और व्यवहार से बहुत प्रभावित होते हैं। अगर आप घर पर मुस्कुराते नहीं हैं तो आज से ही ऐसा करना शुरू कर दें क्योंकि आपके मूड का बच्चों पर आपकी सोच से अधिक असर पड़ता है। हाल में मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक बच्चे के विकास पर पिता के पेरेंटिंग से संबंधित स्ट्रेस का बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यूनिवर्सिटी की ओर से 730 परिवारों पर हुए सर्वे में पाया गया कि जो पिता पेरेंटल स्ट्रेस में होते हैं या फिर अवसाद का शिकार होते हैं, उनके बच्चों का विकास प्रभावित होता है। यह परिणाम उस अवधारणा के विरुद्ध है, जिसमें माना जाता है कि बच्चों की परवरिश और विकास में पिता का प्रभाव मां की तुलना में कम पड़ता है। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि पिता के पेरेंटिंग से संबंधित स्ट्रेस का असर बच्चों के ज्ञान और भाषा संबंधी विकास पर तभी से पडऩे लग जाता है, जब वह दो या तीन साल का होता है।
पिता से सीखते हैं बच्चे
यह भी सही है कि पिता पर बच्चे की परवरिश का बहुत दबाव रहता है और पेरेंटिंग संबंधी मानसिक परेशानियों से वह चाहे न चाहे घिर ही जाता है। ऐसे में शोध ने इस बात को पुरजोर तरीके से साबित किया है कि बच्चों के बड़े होने में मां के साथ-साथ पिता भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बच्चा कितना सीखेगा, यह उन पर काफी हद तक निर्भर करता है।
असर बड़े होने तक
यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर क्लेर वालोट्टन के मुताबिक, पहले यह माना जाता था कि पिता बच्चों को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करते। उनका काम घर में संसाधन जुटाना है और मां ही बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है पिता बच्चों को न केवल कम उम्र में प्रभावित करते हैं, बल्कि इसका असर उनके बड़े होने तक भी बना रहता है।
अलग न करें
पिता बच्चों की परवरिश से खुद को अलग नहीं कर सकते। अगर आप अब तक यही मानते आए हैं कि आपका काम घर में चीजें जुटाना है तो फिर अपनी सोच बदल दीजिए। ऑफिस का काम कभी घर पर मत लाइए। बच्चे उस थोड़े से वक्त में आपका साथ चाहते हैं और चाहते हैं कि आप उनके साथ खेलें, न कि ऑफिस की झल्लाहट उन पर निकालें।