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कोलकाता

बंगाल: अधिकांश नदियां उफान पर

लगातार बारिश और विभिन्न जलाशयों से पानी छोड़े जाने से दक्षिण बंगाल के अधिकांश जिलों में पानी आफत

कोलकाताJul 27, 2017 / 05:15 am

मुकेश शर्मा

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कोलकाता।लगातार बारिश और विभिन्न जलाशयों से पानी छोड़े जाने से दक्षिण बंगाल के अधिकांश जिलों में पानी आफत बन गया है। सचिवालय नवान्न में स्थापित कंट्रोल रूम के हवाले से सूत्रों ने बताया कि बीरभूम जिले की अधिकांश नदियों का जल स्तर काफी बढ़ गया है। मयूराक्षी, हंग्लो, कूये और कोपाली नदी में जबरदस्त उफान है। कंट्रोल रूम के अनुसार डीवीसी के पंचेत, दुर्गापुर बैरेज और मैथन से क्रमवार तरीके से जल छोडऩे के कारण पूर्व बर्दवान जिले के बर्दवान-एक व दो, गलसी-2, मेमारी एक व दो, जमालपुर, खण्डघोष, आउसग्राम, भातार समेत अन्य इलाकों में हजारों हेक्टर जमीन पर खेती का नुकसान होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।


और अधिक जल नहीं छोडऩे की अपील

इधर, पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय दे ने इस दिन झारखण्ड के मुख्य सचिव राजबल्लभ वर्मा को फोन कर जलाशयों से और अधिक जल नहीं छोडऩे का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार जल छोडऩे पर नियंत्रण रखे।
डीवीसी ने किया स्पष्ट
दूसरी ओर, डीवीसी प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि लगातार बारिश से जो परिस्थिति उत्पन्न हुई है उसमें जल छोडऩे के अलावा कोई चारा नहीं है।
झारखंड जिम्मेदार नहीं
झारखंड सरकार ने बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस दावे को खारिज कर दिया कि राज्य अपने बांधों से बगैर पूर्व सूचना के पानी छोड़ रहा है, जिसके कारण पड़ोसी राज्य में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। झारखंड के जल संसाधन मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने बताया कि हम अंतर-राज्यीय समझौता तथा बांध की सुरक्षा को दखते हुए पानी छोड़ रहे हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए मेडिकल टीम तैनात

कोलकाता. लगातार बारिश और डीवीसी समेत अन्य जलाशयों से भारी मात्रा में जल छोडऩे के कारण पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की आशंका बढ़ती जा रही है। पीडि़तों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाने तथा राहत शिविरों में शरण लिए लोगों के लिए भोजन-पानी के साथ-साथ जीवन रक्षक दवाईयों की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बुधवार को स्वास्थ्य सचिव अनिल वर्मा, स्वास्थ्य निदेशक डॉ. विश्वरंजन सत्पथी और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक देवाशीष भट्टाचार्य के साथ बैठक की। बैठक के बाद चंद्रिमा ने प्रभावित जिलों के स्वास्थ्य निदेशकों को आवश्यक निर्देश भेजा गया। सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध करने संबंधी निर्देश जिला अस्पतालों को दिया गया है। इसके साथ ही राज्य के समस्त जिला व प्रखण्ड स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क किया गया है। जलमग्न इलाके के ट्यूबवेल डुब गए हैं। ऐसे इलाकों में जलीय जीवाणु के संक्रमण रोकने तथा पीडि़तों की चिकित्सा के लिए जिला अस्पतालों को परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
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