भारत-नेपाल सीमा पर पैदा हुए ताजा तनाव के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत को नेपाल के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी दी है।
भारत-नेपाल सीमा पर पैदा हुए ताजा तनाव के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत को नेपाल के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी दी है। नेपाल के नए संविधान के खिलाफ मधेसी समुदाय के आंदोलन में सोमवार को एक भारतीय की मौत हो गई।
इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल फोन कर इस घटना की जांच की मांग की थी। मोदी की मांग के कुछ ही घंटे बाद ही काठमांडू में एक सार्वजनिक सभा में ओली ने नेपाल के बारे में भारतीय नीतियों की तीखी आलोचना की।
ओली ने आरोप लगाया कि भारत मधेसी दलों को 1751 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल की खुली सीमा पर नाकेबंदी के लिए उकसा रहा है। ओली ने सवाल किया कि आखिर भारत क्यों चार मधेसी दलों के ही पीछे खड़ा नजर आ रहा है? उन्होंने कहा कि यह नेपाल सरकार की जिम्मेदारी है कि वह अपने देश के सभी समुदायों की बातों को सुने और उनकी शिकायतों को दूर करे।
उन्होंने कहा कि नए संविधान को संविधान सभा के 96 फीसदी सांसदों का समर्थन हासिल हुआ है और यह किसी देश के खिलाफ नहीं है। इस बीच, बीरगंज में भारतीय की मौत के बाद मधेसी राजनीतिक दलों ने काठमांडू में सरकार के साथ बातचीत से इनकार कर दिया है। इन दलों ने एक बयान में कहा है कि नए हालात में सरकार के साथ बातचीत का कोई नतीजा निकलने वाला नहीं है।
रोजमर्रा की चीजों का संकट
सीमा पर मधेसियों की नाकेबंदी की वजह से नेपाल में रोजमर्रा की चीजों तक का भारी संकट पैदा हो गया है। इस बीच नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की नेता और मंत्री रेखा शर्मा ने मधेसी दलों से भारतीय की मौत के मामले में भावनाओं को भड़काने से बचने को कहा है। नेपाली कांग्रेस के सांसद रामहरि खातीवाड़ा ने कहा कि जिस तरह मधेसी समूह और सरकार मामले से निपट रहे हैं, उससे काफी दिक्कतें आने वाली हैं।