कोलकाता
रसगुल्ले के बाद पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के अन्य चार पारंपरिक मिठाइयों को जीआई (ज्योग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन) टैग दिलाना चाहती है। जल्द ही इसके लिए आवेदन किए जाएंगे। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य इन मिठाइयों को नकल से बचाना और भविष्य में निर्यात करना है।
इससे पहले राज्य सरकार ने रसगुल्ले के लिए जीआई टैग की मांग की है। उस टैग को लेकर ओडिशा के साथ बंगाल की तकरार भी हुई थी। अब राज्य सरकार जयनगर की मोआ, कृष्णनगर की सरपुरिया और बर्दवान के सीताभोग और मिहीदाना को यह टैग दिलाना चाहती है। जीआई टैग एक तरह का चिन्ह है जिसका इस्तेमाल किसी मूल भौगोलिक स्थल से संबंधित उत्पादों के लिए दिया जाता है, जो (उत्पाद) उस मूल स्थान के कारण खास तरह की गुणवत्ता एवं प्रतिष्ठा रखते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के निदेशक जयंत कुमार ऐकत ने कहा कि जिन चार मिठाइयों के लिए जीआई टैग मांगे जा रहे हैं, उसमें जयनगर की मोआ, कृष्णनगर का सरपुरिया और बर्दवान के सीताभोग और मिहीदाना शामिल है। शुक्रवार शाम मालदा जिले में मिष्टी मेला के उद्घाटन कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सस्ती नकल से बचाने के लिए इन चीजों के लिए जीआई टैग जरूरी है। इससे गुणवत्ता के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन मिठाइयों के निर्यात की भी योजना है और जीआई टैग से इसमें मदद मिलेगी।