कोलकाता. भारत में आगामी कुछ वर्षों में डिजिटल रूप से साक्षर लोगों की संख्या छह करोड़ किए जाने का लक्ष्य है। वर्तमान में भारत की डिजिटल इकोनॉमी का आकार 400 बिलियन डॉलर है। जो अगले पांच से सात वर्ष में बढ़कर एक ट्रिलियन डालर हो जाएगी।
केंद्रीय आईटी, इलेक्ट्रानिक्स और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बात कही। इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स की ओर से मंगलवार को यहां आयोजित परिचर्चा में उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री
राजीव गांधी जब भारत में कम्प्यूटर लेकर आए तब बहुत विरोध हुआ था। अब वही कम्प्यूटर लोगों को रोजगार दे रहा है।
यह उनका देश को बदलने वाला आइडिया था। उसी तरह प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी सरकार
डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी योजनाएं रूपांतरकारी हैं। उन्होंने बताया कि भीम एप 2 करोड़ बार डाउनलोड किया गया है। इस एप से 15 करोड़ का ट्रांसजेक्शन भी हुआ है। उन्होंने बताया कि देश में ई कॉमर्स भी तेजी से बढा है। इस बार 1.45 लाख करोड़ के मुकाबले अगले वर्ष इसके 2 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। मैकेंजी सर्वे के अनुसार वर्ष 2020 में देश का ई कॉमर्स 8 लाख करोड़ हो जाएगा।
देश भर में ई सेवा पहुंचाने के लिए ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा रहा है। कुल 2.50 लाख पंचायतों में से वर्ष 2018 के मध्य तक बाकी बची एक लाख पंचायत भी फाइबर ऑप्टिक से जुड़ जाएंगी। 80 अस्पतालों को एम्स सहित ई- हॉस्पिटल से जोड़ा गया है। किसी भी कोने में बैठकर अस्पतालों में पंजीकरण किया जा सकता है। 250 ई एग्रीक्लचर मार्केट की मदद से किसान घर बैठे उत्पादों की कीमत पर नजर रख सकते है।