कोलकाता. महानगर में यूनिट एरिया असेसमेंट (यूएए) व्यवस्था से कर संग्रहण की प्रक्रिया अक्टूबर महीने से लागू होने की उम्मीद है। कोलकाता नगर निगम इससे राजस्व में बढ़ोतरी की आस लगाए बैठा है।
निगम के कर विभाग के अनुसार यूएए से कर व्यवस्था सरल होगी। निगम की आय बढ़ेगी। व्यवस्था के तहत महानगर के विभिन्न क्षेत्रों को कई ब्लॉकों में विभक्त किया जाएगा। इसके साथ ही निगम जनरल रिवेल्यूशन (जीआर) क र व्यवस्था भी जारी रखेगा। इस व्यवस्था से निगम वर्तमान में कर वसूलता है। मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गतनिगम इंस्पेक्टर सम्पत्ति का मूल्यांकन कर कर घोषित करते हैं। नई व्यवस्था लोगों को दोनों में से किसी एक कर प्रणाली को चुनने का विकल्प भी देगी। यूएए कर व्यवस्था में सम्पत्तिधारक स्व मूल्यांकन कर पाएंगे। इससे इंसपेक्टर राज खत्म होगा।
क्या है यूएए
यूनिट एरिया असेसमेंट के अंतर्गत महानगर के 144 वार्ड को ए से जी तक विभक्त किया गया है। ए श्रेणी की सम्पत्तियों पर अधिक कर लगेगा जबकि जी तक जाते जाते कर का अनुपात क्रमिक तौर पर कम होता जाएगा।
2009 से कोशिश
वर्ष 2009 से महानगर में यूएए लागू करने की कोशिश शुरू की गई थी। विश्व बैंक ने फंड देने के लिए निगम के समक्ष जल की बर्बादी रोकने और कर सरलीकरण करने की शर्त रखी थी। चुनावी नफे नुकसान का आंकलन कर तृणमूल कांग्रेस संचालित निगम का बोर्ड यूएए को टालता रहा। निगम चुनाव जीत कर तृणमूल बोर्ड ने यूएए को लेकर मानस टटोला तो तृणमूल के पार्षदों ने ही व्यवस्था को जटिल बताया परिणामस्वरूप यूएए क्रियान्वित नहीं हो सका।
अब बिल्ट अप एरिया के लिए ही दें कर
नई कर व्यवस्था के तहत लोगों को सिर्फ बिल्ट अप एरिया (कारपेट एरिया) का ही कर देना पड़ेगा। इसके अलावा स्विमिंग पूल, जिम, कम्यूनिटी हॉल जैसी सुविधाओं का उपयोग करने वालों को अधिक कर देना पड़ेगा। सुपरबिल्ट एरिया का कर देने से बचा जा सकेगा।
कर का सरलीकरण
महानगर की कर व्यवस्था का सरलीकरण किया जा रहा है। इसे कर बढ़ेगा नहीं बल्कि लोगों को राहत मिलेगी। लोगों के पास दो विकल्प होंगे वे या तो जीआर व्यवस्था से कर दें या फिर यूएए व्यवस्था से। शोभन चटर्जी मेयर