भंवरडीह पुल पर देढ़ दशक बाद बना 210 मीटर पुल
कोंडागांवPublished: Jul 02, 2016 09:50:00 pm
सीआरपीएफ व आईटीबीपी की निगरानी में बना विकास व शांति का ब्रिज, अब फार्स बरसात के दिनों में भी चला सकती है नक्सली अभियान
कोण्डागांव. जिले के धूर माओवाद इलाका माने जाने वाले मर्दापाल इलाके के भवरडीह नदी पर पिछले 14 सालों से बन रही 210 मीटर की पुलिया केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल व इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस फोर्स के साथ ही जिला पुलिस बल की निगरानी में रानापाल पुल का निर्माण पूरा हो गया।
इस पुल के बन जाने से अब सुरक्षा बल के जवान बारिश के दिनों में अपने माओवाद विरोधी अभियान चलाते रहेंगे। इससे पहले तक बरसात में नदी में पानी होने के चलते फोर्स इस इलाके के कुछ अंदरूनी क्षेत्रों में नहीं घूस पाती थी, और माड़ इलाके में जल्दी आपरेशन कर पाना संभव नहीं था।
हालांकि माड़ इलाके में जाने के लिए रास्ते तो और भी है, लेकिन वे सभी मार्ग नारायणपुर जिले से होकर गुजरते है। जिसके चलते कई कठिनाइयों का सामना फोर्स को करना पड़ता था। इस पुलिया के बन जाने से अब फोर्स असानी से माड़ इलाके में पहुंच सकती है। यही नहीं पुलिस अब इसी इलाके के पुगारपाल में पुलिस थाना खोलने की तैयारी में जुटी हुई है। ज्ञात हो कि अब तक जिन इलाकों में पुलिस के कैम्प व थाने खुले उन इलाको में नक्सलियों का दबाव कम हुआ है, जिसमें उरन्दाबेड़ा, ईरागांव, धनोरा सहित अन्य इलाके शामिल है।
बेस कैम्प होगे विस्थापित
इस बीच बनने के दौरान सीआरपीएफ और आईटीबीपी को इलाके के साथ ही इसकी सुरक्षा में तैनात किया गया था। पुल के ठीक उपर रानापाल में बने आईटीबीपी के बेस कैम्प को इसी मार्ग से करीब 10 किलोमीटर अंदर विस्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। जिससे अंदरूनी इलाके में फोर्स और बेहतर कार्य कर सके इसके साथ ही बेचा, लखापुरी, नवागांव, कडेनार सहित अन्य गंावों के लोगों का संपर्क भी सुरक्षा बलों से होगा यह मार्ग विकास के साथ ही शांति दोनों लेकर आएगा इसी मार्ग से दंतेवाड़ा जिले के बारसूर की ओर भी जाया जा सकता है। ज्ञात हो कि जिस बेस कैंप में अभी आईटीबीपी तैनात है वहां पहले सीआरपीएफ की 212 वीं बटालियन तैनात थी।
कैम्प पर हो चुके है कई हमले
इस इलाके में पुल निर्माण के लिए सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ ही बेस कैम्प पर कई बार माओवादियो ने अटैक कर नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है, करीब डेढ़ माह पहले भी माओवादियों ने बेस कैंप पर चार देशी राकेट लांचर दागे थे, लेकिन किसी भी सुरक्षाकर्मी को कोई नुकसान नहीं हुआ था।
एसपी संतोष सिह : सुरक्षा बलों को अब लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और आपरेशन भी लगातार चलते रहेंगे अब फरवर्ड बेस सिस्टम पर कार्रवाई की जाएगी।
हेलाल फिरोज, कमांडेट, सीआरपीएफ : रानापाल पुल के बन जाने से फोर्स सालभर अंदरूनी इलाके में आपरेशन कर सकती है। यह पुल कही न कही विकास में सहायक होगा।