नियम तोड़ रही बेटी को पुलिसवाले ने रोका तो नेताजी को गुस्सा आ गया। पुलिसवाले की जमकर खैर-खबर ली।
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कोण्डागांव. आखिरकार नेताजी को इतना गुस्सा क्यों आता है। यहां बात हो रही है कोण्डागांव के नगरपालिका उपाध्यक्ष और कांग्रेसी नेता मनीष श्रीवास्तव की। शनिवार को नेताजी भड़क उठे, जब एक पुलिसवाले ने यातायात नियमों का उल्लंघन कर रही उनकी बेटी को रोकने की कोशिश की। जैसे ही यह बात नेताजी के कान तक पहुंची वे अपने दल-बल के साथ सीधे मौका-ए स्थल पर पहुंचे और फिर बीच सड़क पर पुलिसवाले की जमकर खबर ली।
वहां मौजूद किसी शख्य ने नेताजी की ट्रैफिक पुलिस के साथ दबंगई की वीडियो अपने कैमरे में कैद कर ली। बीच सड़क ट्रैफिक पुलिस को धमकाने और गाली-गलौज का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अब नेताजी के सुर कुछ बदले हुए दिखाई दे रहे हैं। नेताजी कह रहे हैं कि वे पुलिसवाले को कानून बता रहे थे और पुलिसवाले ने भी कानून का सबक सीख लिया है। अब आप भी जानिए क्या है वाकया साथ में वीडियो भी देखें।
नाबालिग बेटी चला रही थी गाड़ी
यातायात व्यवस्था सुधारने रक्षक अभियान चला रही पुलिस ने शनिवार को शहर के स्कूल-कॉलेज, चौक-चौराहे व पब्लिक प्लेस पर लोगों को यातायात नियमों से अवगत कराने कैम्प लगाया। नियम तोडऩे वालों पर कार्रवाई भी की जा रही थी। इस अभियान में कुछ ऐसे बच्चे पकड़े गए जो नाबालिग थे और बगैर लाइसेंस वाहन चला रहे थे।
यातायात प्रभारी भूपेन्द्र गुप्ता ऐसे बच्चों को मौके पर रोककर उनके अभिभावकों को बुलाकर समझाइश दे रहे थे। इनमें से एक बच्ची नगरपालिका उपाध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव की बेटी थी। यातायात प्रभारी ने उक्त बच्ची को पिता को बुलाने को कहा और तभी छोडऩे की बात कही। बेटी ने वहीं से अपने पिता को फोन लगाया।
बात जैसे ही नेताजी मनीष श्रीवास्तव को पता चली वे आगबबूला हो उठे। मौके पर पहुंचते ही सीधे यातायात प्रभारी की खैर-खबर ले डाली। इस दौरान नेताजी की यातायात प्रभारी के साथ जमकर तू-तू-मैं-मैं हुई। नेताजी इतने तैश में आ गए कि उन्होंने यातायात प्रभारी की नौकरी से निकलवा देने तक की धमकी दे डाली। इसी दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने नेताजी की नेतागिरी की वीडियो बना डाली और इसे वायरल भी कर दिया।
पुलिस को समझा रहा था कानून
इधर मामले के वायरल होने के बाद नगरपालिका उपाध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव का कहना है, चावरा स्कूल बड़े बच्चों को बस में ले जाने से मना करता है। छोटे बच्चों का लाईसेंस बनता नहीं है। ऐसे में बच्चे स्कूल कैसे जाए। इसी बात को मैं यातायात प्रभारी को समझा रहा था और यह बात यातायात प्रभारी ने समझा भी। मैने उन्हें सलाह दी, वे स्कूल के साथ बैठक कर ले ताकि इस मामले का निराकरण हो सके।
उच्चाधिकारियों को दी गई जानकारी इस घटना को लेकर यातायात प्रभारी सूबेदार भूपेन्द्र गुप्ता का कहना है, शनिवार को रक्षक कार्यक्रम के तहत मॉडिफाइड वाहन व नाबालिग बच्चों के वाहन चलाने पर कार्रवाई की जा रही थी। बच्चों के पालकों को समझाईश और कार्रवाई के लिए बुलवाया गया। इसी दौरान नगर पालिका उपाध्यक्ष मनीष श्रीवास्तव वहां पहुंचे और अनावश्यक विवाद उत्पन्न कर कार्रवाई में व्यवधान उत्पन्न किया। घटना की मौखिक जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।