रायल्टी के मद में जिले को मिले 1034 करोड़ रुपए
जिले में खनिज राजस्व के रूप में मिलने वाले राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो
रही है। इस बार विभाग को 1430 करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य मिला है।
कोरबा. जिले में खनिज राजस्व के रूप में मिलने वाले राजस्व में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस बार विभाग को 1430 करोड़ रुपए वसूली का लक्ष्य मिला है।
इसकी तुलना में विभाग ने दिसंबर की समाप्ति पर 1034 करोड़ रुपए की वसूली की है। राजस्व में बढ़ोतरी के साथ ही शहर विकास को गति मिलेगी। खनिज न्यास की राशि से विकास कार्य कराया जाएगा।
सबसे अधिक रायल्टी कोयले से मिलती है। गौण खनिज के मद में जो रायल्टी मिलती है वह नाम के लिए है। जिले में कोयला खदानों की अधिकता है।
कोल इंडिया की बड़ी अनुषांगिक कंपनी एसईसीएल है। इसकी बड़ी खदान गेवरा, दीपका, कुसमुंडा व कोरबा क्षेत्र की खदानें रजगामार, मानिकपुर, सुराकछार, बलगी, बांकी, सिंघाली, ढेलवाडीह व बगदेवा जिले में संचािलत है।
यहां से खनिज विभाग को रायल्टी मिलती है। इसके लिए पीट पास की व्यवस्था लागू की गई है। कोयला प्रेषण का रिकार्ड विभाग के पास रहता है।
इसके आधार पर रायल्टी की गणना की जाती है। अधिकारियों का कहना है कि कोयला उत्पादन बढऩे पर ही रायल्टी बढ़ती है। खदानों का उत्पादन हर वर्ष बढ़ रहा है।
इसी का परिणाम है कि राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है। इस बार दिसंबर की समाप्ति पर विभाग को 1034 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। चालू वित्तीय वर्ष के लिए लक्ष्य 1430 करोड़ रुपए का मिला है।
जिले के विकास को पंख
पहले जिले से रायल्टी के मद में मिलने वाली रकम की फूटी कौड़ी विकास कार्यों के लिए नहीं मिल रही थी। केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रावधान के बाद रकम का आवंटन होने लगा है।
हर माह 100 करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। खनिज न्यास के माध्यम से विकास की योजना बनाकर राशि खर्च की जा रही है। पड़ोसी जिले को भी रकम क