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महिलाओं ने कायम की मिसाल, राजस्थान की रोशनी से अफ्रीकी गांवों में हुआ उजाला

Published: Oct 30, 2015 10:11:00 am

Submitted by:

Kamlesh Sharma

 क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि राजस्थान की एक चौथी पास ग्रामीण महिला सैकड़ों अफ्रीकी गांवों को रोशन करे लेकिन इस काल्पनिक उड़ान को पूरा किया है किशनगढ़ की मगन कंवर ने। 

 क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि राजस्थान की एक चौथी पास ग्रामीण महिला सैकड़ों अफ्रीकी गांवों को रोशन करे लेकिन इस काल्पनिक उड़ान को पूरा किया है किशनगढ़ की मगन कंवर ने। 

मगन कंवर ने अकेले ही पिछले एक दशक में एक हजार से अधिक अफ्रीकी देशों की महिलाओं को सौर ऊर्जा तकनीक न केवल सिखाई बल्कि उन्हें सौर लालटेन बनाना भी सिखाया। इन हजारों अफ्रीकी महिलाओं ने अपने देशों के दूर-दराज के हजारों गांवों को रोशन किया है।

यह देखने में अजीब जरूर लगे लेकिन हकीकत यही है कि महिला के सामने तमाम बिजली उपकरण इधर-उधर पड़े हुए हैं और वह एक अफ्रीकी महिला को इनके बारे में अपनी ही भाषा में बताने में मशगूल है। 

इस बात का उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उसकी भाषा को सामने बैठी अफ्रीकी महिला समझ पा रही है कि नहीं। सच्चाई यही है कि सीखने वाली अफ्रीकी महिला भी अपनी भाषा में राजस्थानी महिला से जिज्ञासा शांत करने की कोशिश में जुटी हुई है।

 इस संबंध में जब मगन कंवर से पूछा तो उसने इसका समाधान छूटते ही बता दिया कि तकनीकी शब्दों का न तो अनुवाद होता है और न ही उनके अलग-अलग नाम होते हैं। यदि बिजली के कंडसर को बताना है तो पूरी दुनिया में इसे कंडेंसर के नाम से ही पुकारा जाता है। मगन ने कहा कि हम बॉडी लैंग्वेज का भी उपयोग करते हैं।

36 देशों की महिलाओं को प्रशिक्षण
राजस्थान की ग्रामीण महिलाओं को सौर ऊर्जा तकनीक में निपुण करने काम किया है किशनगढ़ जिले के तिलोनिया गांव में स्थिति बियरफुट कॉलेज इंटरनेशनल ने। महिलाओं ने 36 अफ्रीकी देशों की महिलाओं को प्रशिक्षित किया है ।

अफ्रीकी देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात
भारत-अफ्रीका सम्मेलन के दौरान गुरुवार को राजस्थान से आई महिलाएं और राज्य के किशनगढ़ स्थित तिलोनिया गांव में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही अफ्रीकी देशों की चालीस महिलाओं ने राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की। 

इस अवसर पर राष्ट्राध्यक्षों ने महिलाओं से प्रशिक्षण संबंधी जानकारी ली। तिलोनिया में स्थित बियरफुट कॉलेज में गत सितंबर से प्रशिक्षण ले रही चालीस महिलाएं सेनेगल, लाईबेरिया, बरकिनो फासो, दक्षिण सूडान, तंजानिया के ग्रामीण इलाकों से आई हैं। प्रशिक्षण फरवरी 2016 में खत्म होगा। इसके बाद ये महिलाएं अपने देशों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षित करेंगी।
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