सात साल के बाद भी सार्वजनिक नहीं हुई बाल्को चिमनी हादसे की रिपोर्ट
कोरबाPublished: Sep 23, 2016 10:12:00 am
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में चिमनी हादसे के लिए बालको, वेदांता, प्रशासनिक व
संबंधित विभाग के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया। सरकार ने कार्रवाई करने की
बजाए रिपोर्ट को फाइलों में दफन कर दिया।
Seven years after the public had Balco chimney crash report
कोरबा. बालको के 1200 मेगावाट संयंत्र की चिमनी हादसे को सात वर्ष पूरे हो चुके हैं। 23 सितम्बर, 2009 को दोपहर बाद धराशायी हुई चिमनी में दबकर 40 मजदूरों की मौत हो गई थी। घटना की जांच कराई गई। इसकी रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है। घटना को लेकर परसाभाठा चौक पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है।
मृतकों के परिजनों के हाथों में मुआवजा रूपी राहत के चेक थमा कर सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई। नौकरी नहीं देने से यह प्रयास अधूरा रह गया।
घटना की न्यायिक जांच हो चुकी है। बख्शी आयोग को शासन के समक्ष जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किए चार साल का वक्त गुजर चुका है। सरकार ने जांच रिपोर्ट को समीक्षा के लिए श्रम विभाग को सौंपा दिया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में चिमनी हादसे के लिए बालको, वेदांता, प्रशासनिक व संबंधित विभाग के अफसरों को जिम्मेदार ठहराया। सरकार ने कार्रवाई करने की बजाए रिपोर्ट को फाइलों में दफन कर दिया। इसे सार्वजनिक अब तक नहीं किया गया है।
घटना के बाद बालको ने दूसरी चिमनी बना ली है। 1200 मेगावाट के संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू हो चुका है। इधर श्रम न्यायालय से जारी गिरफ्तारी वारंट पर बालको के उस समय के सीईओ गुजन गुप्ता ने अपनी जमानत करा ली है। मामले का निराकरण करते हुए न्यायालय ने मामला नए सिरे से प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।