प्लांटों में बिगड़ी बिजली उत्पादन की स्थिति
छग विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्रों में बिजली उत्पादन की स्थिति बिगड़
गई है। सात इकाइयों में बिजली नहीं बन पा रही है। कोरबा पश्चिम विस्तार
संयंत्र में तीन इकाइयां बंद हैं।
The deteriorated state of the power generation plants
कोरबा. छग विद्युत उत्पादन कंपनी के संयंत्रों में बिजली उत्पादन की स्थिति बिगड़ गई है। सात इकाइयों में बिजली नहीं बन पा रही है। कोरबा पश्चिम विस्तार संयंत्र में तीन इकाइयां बंद हैं। कोरबा पूर्व संयंत्र में चार इकाई उत्पादन से बाहर है। इन सबसे केवल 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। कंपनी की उत्पादन क्षमता बांगो हाइडल संयंत्र मिलाकर 2400 मेगावाट है। 500 मेगावाट की इकाई वार्षिक रखरखाव पर है।
210 मेगावाट की दो इकाई में एक में ट्यूब लिकेज हो गया। दूसरी इकाई कोयला गीला होने के बाद उत्पादन से बाहर है। इससे इकाइयों को चलाने में परेशानी हो रही है। कोरबा पूर्व संयंत्र में 120 मेगावाट की दोनों इकाई व 50 मेगावाट की दो इकाई बंद हो गई है। अधिकारियों का कहना है लगातार बारिश होने के कारण खदानों से ही गीला कोयला संयंत्र को मिल रहा है। इससे चोकिंग की समस्या पैदा हो रही है। कोरबा संयंत्र में कोयले का स्टॉक भी कम है। इन सबका असर इकाइयों के संचालन पर पड़ रहा है। कोरबा पूर्व संयंत्र में भी यह समस्या हावी हो गई है। इकाइयों में सुधार कार्य किया जा रहा है। जल्दी उत्पादन पर आएगी।
अधिक बिजली लेकर चला रहे काम
संयंत्रों में कम बिजली बनने का असर बिजली की उपलब्धता पर पड़ रहा है। शाम को बिजली की मांग तीन हजार मेगावाट तक जा रही है। इसकी पूर्ति के लिए सेंट्रल सेक्टर से अधिक बिजली लेनी पड़ रही है। उत्पादन की स्थिति ऐसी है कि 440 मेगावाट के पूर्व संयंत्र में केवल 50 मेगावाट बिजली बन रही है। मड़वा संयंत्र की 250 मेगावाट बिजली मिलाकर एक हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। दिन में सेंट्रल सेक्टर से 1500 मेगावाट बिजली ली जा रही है। शाम को मांग बढऩे पर संकट और गहरा जाएगी।