गेवरा-पेन्ड्रा रेल कॉरिडोर खटाई में, फिर से शुरू हुआ सर्वे
कोरबाPublished: Mar 29, 2015 03:56:00 pm
गेवरारोड-पेण्ड्रारोड रेल लाइन के लिए ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर खटाई में पड़
गया है। लाइन बिछाने के लिए पहले किए गए सर्वे में बदलाव किया जा रहा है।
कोरबा. गेवरारोड-पेण्ड्रारोड रेल लाइन के लिए ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर खटाई में पड़ गया है। लाइन बिछाने के लिए पहले किए गए सर्वे में बदलाव किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के सर्वे का काम फिर से शुरू किया गया है। जमीन अधिग्रहण के लिए दोबारा अधिसूचना जारी की जाएगी।
भैरोताल के बाहर से गुजरेगी
नए एलाइनमेंट में आबादी के न्यूनतम विस्थापन पर जोर दिया जा रहा है। पुराने सर्वे में कॉरिडोर की लाइन भैरोताल बस्ती के बीच से गुजर रही थी। इससे बस्ती के उजडऩे की आशंका थी। एलाइनमेंट में रेल लाइन को बस्ती के बाहर से निकाली जा रही है। ताकि न्यूनतम आबादी का विस्थापन हो सके।
कोयला परिवहन में सुविधा
ईस्ट-वेस्ट रेल कॉरिडोर का निर्माण कोयला परिवहन के लिए किया जा रहा है। इस रेल लाइन से उद्योगों को कोयला आपूर्ति की जानी है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार की भागीदारी है। इसे पूरा करने के लिए रेल विकास निगम का गठन किया गया है।
किसकी भागीदारी
पेन्ड्रारोड से गेवरारोड के बीच 122 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण भारत सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार और निजी उद्योगों की भागीदारी से किया जा रहा है। इसमें प्रदेश सरकार की 10 फीसदी हिस्सेदारी है। केन्द्र सरकार की ओर से एमओयू पर रेलवे, एसईसीएल और प्रदेश सरकार ने हस्ताक्षर किए हैं।
फिर से जमीन का अधिग्रहण
नए सर्वे के बाद जमीन अधिग्रहण के लिए फिर से अधिसूचना जारी की जाएगी। यह पूर्व जारी अधिसूचना का संशोधित रूप होगा। इसके लिए कटघोरा और पोड़ी उपरोड़ा डिवीजन में तैयारी की जा रही है।
55 गावों की जमीन अधिग्रहित
रेल कॉरिडोर के लिए पहले 42 गांव की जमीन अधिग्रहित की जानी थी। नए सर्वे के बाद 55 गांव की भूमि अधिग्रहित किए जाने की संभावना है। इसमें पोड़ी उपरोड़ा डिवीजन के 37 और कटघोरा डिवीजन के 18 गांव के लोगों की जमीन शामिल है।
(राजेश कुमार)