अपने बेटे के साथ 50 वर्षीय ग्रामीण गया था जंगल में लकड़ी काटने,
छुड़ाने गए 3 पुलिस जवानों सहित 4 को किया घायल, श्रम मंत्री, एसडीएम,
फारेस्ट व पुलिस टीम मौके पर
rush on hill
बैकुंठपुर. अपने बेटे के साथ टेंगनी जंगल में लकड़ी काटने जा रहे ग्रामीण को गुरुवार की दोपहर बीच सड़क पर भालू ने दबोच लिया तथा उसे पास ही स्थित पहाड़ी में ले गया। यहां भालू ने ग्रामीण को मार डाला तथा उसका शव खाने लगा। बेटे ने वहां से गुजर रहे बाइक सवार युवकों से पिता को बचाने की गुहार लगाई।
इस पर वे पहाड़ी की ओर गए लेकिन एक युवक को भालू ने मार डाला। वहीं सूचना पर पुलिस के 3 जवान लाठी-डंडा लेकर ग्रामीण को छुड़ाने पहुंचे तो भालू ने उनपर भी हमला कर दिया। इससे तीनों घायल हो गए। जवानों का कहना है कि भालू ग्रामीण को खा रहा था।
इधर सूचना मिलते ही एसडीएम, फॉरेस्ट अमला व पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। प्रशासन ने 2 घंटे बाद आदमखोर भालू को गोली मारने के आदेश दिए। हवाई फायर की आवाज सुनकर भालू भाग निकला।
पोटेडांड़ पंचायत के ग्राम मदनपुर निवासी वंशधारी पिता बुधराम 50 वर्ष अपने बेटे के साथ ग्राम टेंगनी स्थित जंगल में लकड़ी लेने गया था। दोनों मुख्य मार्ग पर पहुंचे थे कि अचानक झाडिय़ों से निकलकर आए आदमखोर भालू ने उसे अपने पंजों में दबोचा लिया। और घसीटते हुए पास ही स्थित पहाड़ी में ले जाकर मार डाला।
इधर पुत्र के गुहार लगाने पर बाइक सवार 35 वर्षीय सुशांत साहू व एक अन्य युवक पहाड़ी के नीचे पहुंचे, लेकिन भालू ने सुशांत को भी मार डाला। सूचना मिलते ही आरक्षक अंबुज सिंह, गोपाल व संजय सिंह लाठी-डंडा लेकर पहाड़ी की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने देखा कि भालू ने अपने कब्जे में ग्रामीण को रखा है तथा उसका शव नोच-नोचकर खा रहा है।
पुलिस ने डंडे से भालू पर प्रहार किया तो भालू उल्टा उनपर ही झपट पड़ा। यह देख पुलिस के जवान भी जान बचाकर भागे। इसकी सूचना एसडीएम, फारेस्ट अमले को दी गई। सूचना मिलते ही एसडीएम सहित वन अमला व पुलिस मौके पर पहुंच गई। इधर घटना को देखते हुए ग्रामीणों का भी हुजूम स्थल पर उमड़ पड़ा। 15-20 की संख्या में ग्रामीण भी भालू से मृत ग्रामीण को छुड़ाने पहुंचे लेकिन वे भी असफल रहे। इस दौरान ग्रामीण जगसाय भी घायल हो गया।
गोली मारने के आदेश, भागा भालू ग्रामीण को नहीं छोड़ता देख प्रशासन ने 2 घंटे बाद भालू को गोली मारने के आदेश दिए। पुलिस व वन विभाग की टीम पहाड़ी से नीचे खाई में उतरी और हवाई फायर किया। गोली की आवाज सुनकर भालू दोनों के शव को छोड़कर भाग गया। इसके बाद दोनों के क्षत-विक्षत शवों को वहां से बाहर निकाला गया। इधर सूचना मिलते ही श्रम मंत्री भैयालाल राजवाड़े भी पहुंच गए। वहीं ग्रामीणों में इस बात को लेकर नाराजगी देखी जा रही है कि प्रशासन ने इतनी देर से भालू को क्यों मारने के निर्देश दिए।
रोते-बिलखते रहे परिजन मौके पर मृत ग्रामीण के अन्य परिजन भी पहुंच गए थे। वे घटनास्थल पर दहाड़ मार-मारकर रोते-बिलखते रहे। वहीं घटना से आदमखोर भालू को लेकर क्षेत्र में दहशत व्याप्त है।