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स्टील फैक्ट्री: न खुदा मिला न विसाले सनम

locationलखीमपुर खेरीPublished: Dec 07, 2016 08:12:00 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

2009 में जितिन प्रसाद ने किया था इकाई लगाकर रोजगार देने का ऐलान, जीत के बाद पांच साल ठंडे बस्ते में डाले रहे मामलान पक्ष ने किया, न गठबंधन बांधने वाली सपा ने.

Lakhimpur

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लखीमपुर-खीरी. इस समय राजनीति में तमाम उठापटक चल रही हैं। सपा का परिवार वाद, भाजपा का राम मंदिर, बसपा का ‘टिकट मैराथन’ और कांग्रेस की खाट सभा। लेकिन जनता को क्या चाहिए – परिवार वाद का निबटारा, राम मंदिर निर्माण, बसपा के टिकट का खुलासा या कांग्रेस की खाट सभा। शायद नहीं। खीरी की जनता रोजगार चाहती है, बाढ़ से निजात चाहती है। अर्से हो गए इन मुद्दों पर राजनीति करते-करते, लेकिन कोई भी मसला धरातल पर हल नहीं हुआ।

करीब सात साल पहले वर्ष 2008-09 में धौरहरा लोकसभा से पूर्व सांसद एवं केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने रोजगार का वादा कर वोटरों को पाले में किया था। चुनाव से पहले वह खीरी की सरजमीं पर तत्कालीन केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री रामविलास पासवान के साथ बेहजम की सरजमीं पर उतरे थे। उन्होंने क्षेत्रीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए स्टील अथार्टी ऑफ इंडिया की एक इकाई को बेहजम में लगाने की बात कही थी। पूरे जोशो-खरोश के साथ इसकी नींव रखी गई। शिलान्यास हुआ। लेकिन चुनाव जीतने के बाद यह इकाई आरोप-प्रत्यारोपों की भेंट चढ़ गई। चुनाव जीतने के काफी समय तक लोग फैक्ट्री का काम शुरू होने का इंतजार करते रहे। लम्बे अर्से बाद काम शुरू भी हुआ, लेकिन फिर बंद हो गया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने काम बंद होने के लिए बसपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तो चाहती है कि फैक्ट्री स्थापित हो मगर प्रदेश सरकार रोड़े अटका रही है। लिहाजा यह फैक्ट्री स्थापित नहीं हो पा रही। हालांकि वर्ष 2012 में प्रदेश की सत्ता सपा सरकार में तकसीम हुई। सपा केंद्र सरकार के गठबंधन में भी आई। लेकिन फैक्ट्री के निर्माण पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। सपा ने भी इसे मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं की। लोकसभा चुनाव नजदीक आए। फिर से वादे व आरोपों के दौर चले। इस बार वोटरों ने कांग्रेस का तख्ता पलट दिया। मोदी को पूर्ण बहुमत से देश का प्रधानमंत्री चुना गया। प्रदेश की 80 सीटों में 71 पर भाजपा काबिज हुई। जनता को उम्मीद थी कि भाजपा स्टील फैक्ट्री को मुद्दा बनाकर इसे स्थापित करवाने का काम करेगी। लेकिन दो साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। इसे शुरू करवाना तो दूर पार्टी ने मुद्दे को ही अपने दायरे में लेने की कोशिश नहीं की।
 
आरोप-प्रत्यारोप में नहीं जनता को जनहित के मुद्दों से है दिलचस्पी-
बेहजम स्टील फैक्ट्री का निर्माण न होने की वजह से क्षेत्रीय जनता खासी नाराज है। लोगों का कहना है कि सरकार और विपक्षी जितना ध्यान एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में लगाते हैं यदि जनता से जुड़े मुद्दे उठाने पर लगाएं तो लोगों का ज्यादा भला होगा। लोगों को अब इस बात में दिलचस्पी नजर आ रही है कि कौन सी पार्टी इसे मुद्दा बनाकर यहां निर्माण कार्य प्रारंभ करवाने का काम करेगी।
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