47 लाख रुपए का हैण्डीक्राफ्ट सामान मंगवा भुगतान न करने के मामले में आरोपी जर्मन व्यवसायी व हैण्डीक्राफ्ट एजेंट पैट्रिक स्नाइदर का दावा है कि निर्यात का कारोबार बंद करने की रंजिश के चलते जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी ने उसके खिलाफ बासनी थाने में झूठी एफआईआर दर्ज कराई है।
उसने अपने बड़े भाई की कम्पनी के लिए बतौर एजेंट 47 लाख रुपए का हैण्डीक्राफ्ट सामान जर्मनी भेजा था। कम्पनी ने पहले से जमा तीस हजार यूएस डॉलर कुल बिल में समायोजित करवा लिए थे और दूसरे ही दिन शेष राशि हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी की कम्पनी के बैंक खाते में जमा करवा दिए थे। अब निर्यात बंद करने की चेतावनी तथा पहले से जमा तीस हजार डॉलर को बतौर भुगतान न मानने के कारण हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी ने यह प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पाक साफ होने के यह बताए कारण
– जर्मन एजेंट पैट्रिक ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि इण्डस ट्रेड के मालिक पतराम विश्नोई ने एफआईआर में बताया कि उसने पांच-छह माह पहले ही तीनों ने निर्यात का आदेश दिया था। जबकि पैट्रिक स्वयं की कम्पनी के लिए पतराम से 6-7 वर्ष और बड़े भाई की कम्पनी के लिए तीन साल से हैण्डीक्राफ्ट सामान मंगवा रहा है।
– माल की क्वालिटी, व्यवहार व अन्य कारणों से जर्मन व्यवसायी ने उसके साथ व्यवसाय बंद करने का निर्णय किया था। तब जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी के पास बतौर अग्रिम तीस हजार डॉलर जमा थे। कम्पनी ने ई-मेल करके सूचित भी किया था कि आगामी दो बिल में यह राशि समायोजित कर ली जाएगी। उस समय तक तीन कन्टेनर हैण्डीक्राफ्ट सामान का ऑर्डर दिया हुआ था।
– एफआईआर में स्थानीय व्यवसायी कपिल जांगिड व संजय पारीक को कमीशन एजेंट बताया गया है। जबकि वे क्वालिटी चेक करने वाले हैं।
बिल 71292 डॉलर, 30000 समायोजित व 41292 का भुगतान
जर्मन एजेंट पैट्रिक ने बताया कि जर्मनी की कम्पनी जीके मोबिलवरट्राइब्स ने 18 जून 2015 तथा 4 अगस्त 2015 को इण्डस ट्रेड कम्पनी को हैण्डीक्राफ्ट सामान खरीद का आदेश दिया था। कम्पनी ने 15 व 23 अक्टूबर को बिल बना दो कंटेनर में माल रवाना कर दिया। बिल संख्या आईटी 61 यूएस डॉलर 45248 व बिल संख्या आईटी 62 यूएस डॉलर 25944 का बना।
जर्मनी की कम्पनी के ज्योफरी स्नाइदर ने पहले से जमा 30000 यूएस डॉलर दोनों बिल में समायोजन करने के लिए 3 नवम्बर को इण्डस ट्रेड कम्पनी को ई मेल किया। शेष 41292 यूएस डॉलर का भुगतान 4 नवम्बर को हैण्डीक्राफ्ट कम्पनी के बैंक खाते में जमा करवा दिए थे।
विदेश में धूमिल होगी जोधपुर की छवि
जोधपुर से हर महीने करोड़ों रुपए का हैण्डीक्राफ्ट सामान विदेश में निर्यात होता है। जिसमें करीब साठ प्रतिशत अमरीका, बीस प्रतिशत यूके तथा बीस प्रतिशत यूरोप में भेजा जाता है। जर्मन व्यवसायी का दावा है कि उसके साथ इस व्यवहार से जोधपुर के व्यवसायियों की विदेश में छवि धूमिल होगी। कारोबार भी प्रभावित होगा। जिसका प्रभाव भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
विदेशी के मामले की मंथर जांच
हैण्डीक्राफ्ट व्यवसायी पतराम विश्नोई ने गत 20 नवम्बर को जर्मनी के पैट्रिक स्नाइदर, कपिल जांगिड व संजय पारीक के खिलाफ 47 लाख रुपए की ठगी का मामला दर्ज कराया था। 7 दिन बाद भी जांच आगे नहीं बढ़ पाई है। सिर्फ दस्तावेज लेने का कार्य चल रहा है।
इनका कहना है
मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। दोनों पक्षों से दस्तावेज लिए जा रहे हैं। अभी तक किसी पर भी आरोप साबित नहीं हुआ है। बतौर सिक्योरिटी के जमा तीस हजार यूएस डॉलर में से भुगतान जमा होने की बात सामने आई है। जांच में स्थिति साफ हो जाएगी।
अशोक राठौड़, पुलिस कमिश्नर जोधपुर।
1.10 लाख डॉलर का ऑर्डर अभी पैंडिंग हैं
तीस हजार डॉलर अग्रिम मई का है। अभी तक 1.10 लाख डॉलर का ऑर्डर बाकी पड़ा है। जर्मन कम्पनी स्वयं की मर्जी से अग्रिम राशि समायोजित नहीं कर सकती। इस पर आपत्ति भी जताई गई थी। शिपिंग एजेंट संजय ने कम्पनी से मिलीभगत कर बिल ऑफ लेडिंग उस तक पहुंचाने की बजाय जर्मन कम्पनी को भेज दिए। अब दोनों गायब हैं। आरोपियों ने मेरे कर्मचारी से मिलीभगत कर सी वे बीएल जारी करने का ई-मेल करवा दिया था।
पतराम विश्नोई, मालिक इण्डस ट्रेड हैण्डक्राफ्ट जोधपुर।