यह बैक्टीरिया साइबेरिया को मैमथ माउंटेन पर मिला था। यह लगभग आज से 35 लाख वर्ष पहले धरती पर रहा करता था परन्तु साइबेरिया की अनुकूल परिस्थितियों में जीवित रहा। रशियन वैज्ञानिक ने कहा कि हमें यह नहीं पता कि यह बैक्टीरिया किस तरह से काम रह रहा है परन्तु यह काम कर रहा है साथ ही इससे किसी तरह की कोई भी बीमारी नहीं फैल रही है। हो सकता है कि इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो परन्तु अभी तक उनका पता नहीं चल सका है।
उनके अनुसार बैक्टीरिया मानव जीवन को अमरता दे सकता है। यह बॉयोलोजिकली एक्टिव सब्सटेंस का निर्माण करता है तो प्राणियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उन्हें सुरक्षित करता है। इस बैक्टीरिया की खोज एन्टॉली ब्रोकोव ने वर्ष 2009 में की थी।
वैज्ञानिकों के अनुसार विज्ञान तथा मानव की भावी उन्नति प्राचीन बैक्टीरिया में ही छिपी हुई है। अंटार्कटिका में पाए एक बैक्टीरिया की खासियत बताते हुए उन्होंने बताया कि यह प्लास्टिक को गला कर पानी बना देता है जो कि एक चमत्कार की तरह सामने आया है। इसीतरह एक नया बैक्टीरिया सेल्यूलोज मोलेक्यूल्स को खत्म कर पर्यावरण की सफाई करता है। उनके अनुसार ये बैक्टीरिया अमर है, ये खुद को हर नुकसान से न केवल बचा सकते हैं वरन आम प्राणियों के मुकाबले ज्यादा मजबूत है और प्रकृति के खिलाफ खुद को जिंदा रखने में सक्षम है।