प्रदूषण पर लगाम के लिए सिंगापुर से सीखना होगा सबक
Published: Nov 08, 2016 11:15:00 am
2013 में सिंगापुर का आसमान भी धुंध और धुंए की चादर में कई दिनों तक लिपटा रहा था
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषित वायु के लिए सरकार आने वाले सप्ताह में एक इमरजेंसी प्लान लागू कर सकती है। बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सरकार ने स्कूलों को बंद कर दिया और ज्यादा से ज्यादा लोगों को घर पर रहकर काम करने की सलाह दी जा रही है।
करीब तीन साल पहले सिंगापुर ने प्रदूषण के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे। 2013 में सिंगापुर का आसमान भी धुंध और धुंए की चादर में कई दिनों तक लिपटा रहा था। सिंगापुर ने प्रदूषण को कम करने के लिए एक खास मॉडल पर काम किया था। वहां की राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसी, शिक्षा मंत्रालय और श्रमशक्ति विभाग ने मिलकर कुछ जरूरी गाइडलाइन्स जारी कर दिए थे।
ये गाइडलाइन्स खासतौर से स्कूलों और दफ्तरों को ध्यान में रखकर बनाई गई थी। सिंगापुर में भारत के नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स की तर्ज पर पॉल्यूशन स्टैंडर्ड इंडेक्स तय किया गया। इसके तहत पर्यावरण में प्रदूषण पहुंचाने वाले 6 जहरीली गैसों सल्फर डायऑक्साइड, पर्टिकुलेट मैटर 10, पर्टिकुलेट मैटर 2.5, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कॉर्बन मोनो ऑक्साइड और ओजोन की मात्रा को देखा जाता है।
पीएसआई 100
इस स्तर पर धुंध से रक्षा करने के उपाय शुरू हो जाने चाहिए। इस स्तर पर लोगों को चेतावनी जारी की जाती है।
पीएसआई 100-200
इस स्तर पर कर्मचारियों को यांत्रिक सहायता मिलनी चाहिए। जॉब रोटेशन के साथ ही ऑफिस के अंदर आराम करने के लिए ब्रेक और पर्याप्त हाइड्रेशन मिलना चाहिए।
पीएसआई 201-300
प्रदूषण के इस स्तर पर मैकेनिकल सहायता, जॉब रोटेशन, इंडोर रेस्ट ब्रेक, हाइड्रेशन के साथ ही आउटडोर काम करने वाले लोगों को मास्क दिए जाने चाहिए।
पीएसआई 301 के बाद
ऐसे पर्यावरण में कर्मचारियों को बाहर का काम नहीं दिया जाना चाहिए। लगातार ब्रेक देकर काम दिया जाना चाहिए। गैर जरूरी कामों को टाल दिया जाना चाहिए। आउटडोर काम करने वाले लोगों को मास्क और रेस्पीरेटर्स मिलने चाहिए।
बच्चों का रखें ख्याल
पीएसआई 100 या ज्यादा : सामान्य गतिविधियां।
100-200 पीएसआई : बाहरी गतिविधियों को कम करें। फेंफडों या दिल की बीमारी से ग्रसित छात्रों को बाहरी गतिविधियों से मुक्त कर क्लास रूम में एयर प्यूरीफायर्स लगाए जाएं।
201-300 पीएसआई : आउटडोर गतिविधियां कम करने के सथ ही उन सभी स्टूडेंट्स को एसी या एयर प्यूरीफायर रूम में शिफ्ट कर दें जिन्हे फेंफडों से जुड़ी समस्या है।
300 और इससे ज्यादा: इस स्तर पर सभी आउटडोर गतिविधियों को रद्द कर देना चाहि। क्लासों की अवधि को कम कर देना चाहिए। एयर प्यूरीफायर्स लगाए जाने चाहिए।