पत्रिका आपको सीएम अखिलेश यादव के बचपन से लेकर सीएम बनने तक की कहानी को तस्वीरों के जरिए दिखाने जा रहा है
akhilesh yadav
संतोषी दास/ पत्रिका विशेष प्रस्तुति लखनऊ.उत्तर प्रदेश के युवा सीएम हर किसी का आदर्श हैं। उनके बात करने का अंदाज हो या फिर दूसरों के लिए मददगार बनकर मिसाल बनने की बात हो। यूपी के युवाओं में अपने प्रगतिशील कामों को लेकर चर्चा में रहने वाले सीएम अखिलेश यादव हर दिल अजीज़ हैं। आप अपने सीएम को एक गम्भीर राजनेता के रूप में देखा है। आज हम आपको बताएंगे की वह निजी ज़िन्दगी में कितने मस्तमौला हैं? पत्रिका आपको उनके बचपन से लेकर सीएम बनने तक की कहानी को तस्वीरों के जरिए दिखाने जा रहा है।
अखिलेश यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा के सैफई गांव में 1973 में हुआ था।
उनकी दिलचस्पी क्रिकेट के साथ ही फुटबॉल में है यह जग जाहिर है
दोस्तों के साथ मौजमस्ती के दिन काटना उनको बहुत पसंद था
बचपन की तस्वीरों में वह पिता मुलायम सिंह यादव की तरह दिखते थे
चाचा शिवपाल सिंह और राम गोपाल सिंह यादव के संग वह काफी घुले मिले हुए थे
ऑस्टेलिया जाकर उन्होंने एन्वायरमेंट इंजीनियरिंग में पढ़ाई की और लखनऊ में कर्नल की बेटी डिम्पल से प्यार हो गया
कई मुश्किलों के बाद सीएम अखिलेश और डिम्पल को एक दूसरे का साथ मिला, 24 नवंबर 1999 में दोनों की शादी हो गई
पिता के लिए एक आदर्श बेटा हैं अखिलेश, सपा सुप्रीमों उनको भविष्य का सीएम देख रहे थे इसलिए उन्हें राजनीति की एबीसीडी सीखा रहे थे
अखिलेश यादव वर्ष 2009 में राजनीति में आए, इस दौरान उन्होंने कन्नौज सीट से जीत दर्ज की। उन्हें नहीं पता था की वह आने वाले समय में प्रदेश के सीएम भी बनेंगे।
वर्ष 2008 में मायावती के खिलाफ समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन में अखिलेश ने चाचा शिवपाल के संग हिस्सा लिया। लाल टोपी पहने वह एक क्रांतिकारी की तरह राजनीति के चमकता सितारा लग रहे थे।
आखिर कार वर्ष 2012 का समय आया जब उन्होंने बहुजन समाजवादी पार्टी की मायावती को पछाड़ते हुए अपनी सरकार बनाई और सीएम बनें
अपने सीएम कार्यकाल के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश को चमकाने के लिए जनेश्वर मिश्र पार्क, मेट्रो परियोजना, गोमती तट का सुंदरीकरण करने के साथ ही कई विकास की योजनाओं को जनता के लिए लाए
अपने परिवार को समय देना उन्हें बहुत अच्छा लगता है
डिम्पल यादव के संग वह अक्सर कई कार्यक्रमों में शिरकत करते हुए दिख जाते हैं
कुल्हड़ में चाय पीना उनको बेहद पसंद हैं
उत्तर प्रदेश में एक साथ 10 लाख पेड़ लगाकर उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया, इस साल वह अपने रेकॉर्ड को तोड़ेंगे इस बार पांच करोड़ पौधे एक साथ लगेंगे
अपने बच्चों के संग वह शुक्रवार को लंदन में अपना जन्मदिन मनाएंगे
कम उम्र के सीएम का खिताब मिलने के साथ ही वह राजनीति में एक अच्छा नेतृत्व करते दिख रहे हैं उत्तर प्रदेश के युवा उनको एक बार फिर सीएम बनाने के लिए जुट गए हैं