अगर आप एम्सटर्डम जाने सोच रहे है तो हो सकता है कि हवाई अड्डे पर आपको इंसानों के बजाए रोबोट रास्ता दिखाते हुए मिल जाए। यह रोबोट आपको शिफोल हवाई अड्डे पर दिख सकते है।
इस रोबोट का निर्माण ‘स्पेन्सर’ नामक परियोजना के हिस्से के रूप में हुआ है। यह परियोजना यूरोपियन आयोग द्वारा वित्तपोषित है। यह योजना पांच अलग-अलग देशों के शोधकर्ताओं और उद्योग जगत की कंपनियों के बीच सहयोग से शुरू की गई है। इस परियोजना के अंतरर्गत 30 नवंबर से अगले सात दिनों तक रोबोट हवाई अड्डे पर लोगों को रास्ता दिखाएंगे।
इसके बाद अब स्वीडन की ए-रेब्रो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता रोबोट द्वारा अपने आसपास का खाका तैयार कराने में सक्षम होंगे।
ए-रेब्रो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अचिम लिलियंथल के अनुसार, ‘एयरपोर्ट पर सही स्थान तक पहुंचना काफी चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि यहां हर तरफ सामानों की बड़ी-बड़ी ट्रॉलियां, अस्थाई गतिरोध और लोगों की कतारें होती हैं। इस एक हफ्ते के दौरान हम शिफोल हवाई अड्डे की भीड़भाड़ के बीच रोबोट का परीक्षण करेंगे।’
इस परियोजना का असल परीक्षण मार्च महीने में किया जाएगा । इस परिक्षण में यूरोपियन कमीशन के प्रतिनिधि अन्य प्रमुख मेहमानों को शामिल होंगे। इन खास मेहमानों को रोबोट मार्गदर्शन कराएंगे।
रोबोट द्वारा मानव व्यवहार को समझना और उनके अनुसार कार्य करने की क्षमता का आकलन भी इस परियोजना के उद्देश्यों में शामिल है।
यह रोबोट परियोजना शोधकर्ताओं द्वारा संचालित की जा रही है, लेकिन इससे पहले इसकी शुरुआत डच एयरलाइन ‘केएलएम’ ने की थी।
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