सपा नेता नरेश अग्रवाल का मानना है कि मुलायम परिवार की बहू डिंपल यादव को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी निभानी चाहिए…
लखनऊ. समाजवादी पार्टी टूट की कगार पर है। मुलायम-अखिलेश खेमे में सुलह की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं। इस बीच अखिलेश के अलावा एक और चेहरा मजबूती से उभर कर आया है, जिन्हें जनता का समर्थन मिल सकता है। ये चेहरा हैं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी व कन्नौज से समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव।
समाजवादी पार्टी में जब पारिवारिक कलह चरम पर थी, अखिलेश यादव परिवार में अलग-थलग पड़ते दिख रहे थे, डिंपल यादव मजबूती से उनके साथ खड़ी नजर आईं। उन्होंने पग-पग पर अखिलेश का साथ दिया। इतना ही मुलायम की बड़ी बहू की भी उन्होंने पूरी जिम्मेदारी निभाई। परिवार में कलह के दौरान उन्होंने एक बयान तक नहीं दिया, बस खामोशी से पति का साथ देती रहीं। अब जब पार्टी टूटने की कगार पर है और कांग्रेस से गठबंधन की अटकलें तेज हैं। अखिलेश खेमे से वार्ता की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी ने निभाई। सूत्रों की मानें तो जल्द ही प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के साथ चुनाव प्रचार कर सकती हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले की कांग्रेस से समर्थन की बात करते रहे हैं, लेकिन फिर भी किसी कारणवश अगर सपा-कांग्रेस में गठबंधन न हुआ तो डिंपल यादव अखिलेश खेमे की समाजवादी पार्टी की स्टार प्रचारक हो सकती हैं। एक हिंदी वेबसाइट के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने में कहा कि डिंपल यादव सिर्फ अखिलेश की पत्नी और यादव परिवार की बहू ही नहीं बल्कि सपा की सांसद भी हैं इसलिए उन्हें प्रचार करना ही चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि देश में आधी आबादी महिलाओं की ही है इसलिए डिंपल यादव को यह जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
डिंपल का राजनीतिक करियर
2009 में फिरोजाबाद सीट से चुनाव लड़ा, राजबब्बर ने से हारीं
2014 में मोदी लहर के बावजूद डिंपल यादव कन्नौज से सांसद बनीं। उन्होंने भाजपा के सुब्रत पाठक को करीब 20 हजार वोटों से हरा दिया।