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जनसंघ के स्थापक दीनदयाल उपाध्याय की मनाई गयी 100 वी जयंती

locationलखनऊPublished: Sep 25, 2016 05:23:00 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

त्तर प्रदेश ने  पं.दीनदयाल उपाध्याय और डा. राममनोहर लोहिया जैसे दो महान विचारक देकर प्रदेश का मान बढ़ाया है।

deendayal upadhyay

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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (लखनऊ महानगर) की ओर से पण्डित दीनदयाल उपाध्याय की स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर के.के.सी. स्थित पं. दीनदयाल स्मृतिका पर माल्र्यापण और पुष्पाजांलि का आयोजन किया गया।

मौके पर मौजूद राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के विचार
पुंज, एकात्म मानववाद के जनक और महामनीषी विचारक पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की आज 100वीं जयन्ती है। मथुरा, उत्तर प्रदेश में पंडित जी का जन्म हुआ। उन्होंने राष्ट्रधर्म मासिक पांच्यजन्य साप्ताहिक और स्वदेशी पत्रों का कुशलतापूर्वक सम्पादन किया। जनसंघ की स्थापना कर राष्ट्रीय महासचिव और कार्यकर्ताओं के अनुरोध पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया था। उन्होंने जनसंघ एवं देश की राजनीति को एक नया विचार दिया यह एक संयोग है कि 1967 में उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद केरल में अधिवेशन किया था और उनकी 100वीं जयंती पर उनके विचारों की पार्टी के देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केरल में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को सम्बोधित किया। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उन्हें 2 साल 2 माह हो रहे हैं और जब उत्तर प्रदेश की बात चलती है तो यह कहने में गर्व होता है कि उत्तर प्रदेश ने 9 प्रधानमंत्री देकर प्रदेश का मान बढ़ाया है। उसके साथ साथ उत्तर प्रदेश ने पं. दीनदयाल उपाध्याय और डा. राममनोहर लोहिया जैसे दो महान विचारक भी दिये। उनके महान विचारों ने छोटी छोटी बातों से ही सामाजिक समरसता का एक बड़ा संदेश दिया। उन्होंने एकात्म मानववाद के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के मार्गों पर चलने का कार्यकर्ताओं से आवह्न किया। आज पार्टी उनके विचारों एवं पद चिन्हों पर ही चल रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा एवं संचालन महामंत्री राम औतार कनौजिया ने किया। उक्त अवसर पर पूर्व सांसद लालजी टण्डन ने कहा कि जनसंघ की स्थापना के पूर्व पण्डित जी के विचारों को सुनकर और उनसे प्ररेणा लेकर जनसंघ में आये और उनका अनुसरण करते हुये राजनैतिक जीवन प्रारम्भ किया। देश के प्रधानमंत्री मा. नरेन्द्र मोदी जी द्वारा उनके नाम एवं विचारों से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
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