लखनऊ पश्चिम विधानसभा में राजधानी लखनऊ के कई प्रमुख इलाके आते हैं। इस क्षेत्र में पुराने अधिकतर इलाके पुराने लखनऊ के हैं।
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लखनऊ. लखनऊ पश्चिम विधानसभा में राजधानी लखनऊ के कई प्रमुख इलाके आते हैं। इस क्षेत्र में पुराने अधिकतर इलाके पुराने लखनऊ के हैं। यहां अल्पसंख्यक भी काफी तादाद में रहते हैं। राजनीति के लिहाज से यह क्षेत्र काफी अहम रहा है। यहां के मौजूदा विधायक सपा के मोहम्मद रेहान हैं। फिलहाल समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच इस क्षेत्र में कड़ी टक्कर दिख रही है।
पहचान
पश्चिम विधान सभा में पुराने लखनऊ के कई इलाके आते हैं। इनमें चौक, बालागंज, सादतगंज आदि शामिल हैं। लखनऊ की पहचान माने जाने वाले इमाबाड़ा, रूमी गेट आदि भी इसी इलाके में आते हैं।
टॉप पांच प्राथमिकताएं
-जाम से निजात दिलाना। रोजाना दोपहर में लगता है जाम
– गर्मी के महीने में बिजली कटौती इस इलाके की प्रमुख समस्या है। बिजली की समस्या सॉल्व करना
-कॉन्वेंट स्कूलों की कमी। नए कॉन्वेंट स्कूल खुलवाना
-शॉपिंग मॉल खुलावाना। इस क्षेत्र में कोई भी बड़ा शॉपिंग मॉल नहीं
-पब्लिक ट्रांस्पोर्ट की कमी। पब्लिक ट्रांस्पोर्ट की संख्या बढ़ाना।
मुख्य इलाके- चौक, बालागंज, चौपटिया, आलमनगर, पारा, सादतगंज आदि
कुल वोटर्स- लगभग 3.5 लाख
विधायक-(2012-अभी तक) – मोहम्मद रेहान (समाजवादी पार्टी)
प्रमुख नेता-
मोहम्मद रेहान(सपा)
-एसके शुक्ला(कांग्रेस)
-सुरेश कुमार श्रीवास्तव (बीजेपी)
-सइद हुसैन (बीएसपी)
पिछले दो विधानसभा चुनाव का हाल
साल जीते पार्टी वोट दूसरे नंबर पर रहे
2012 – मोहम्मद रेहान सपा (49,912 वोट) – सुरेश कुमार श्रीवास्तव, बीजेपी (42,100 वोट)
जाम- इस विधानसभा के ज्यादातर इलाके पुराने लखनऊ में आते हैं। दोपहर में इन इलाकों में जाम की समस्या अब आम हो गई है। नेताओं द्वारा जाम की समस्या सुलझाने के वादे अभी तक अधूरे ही हैं।
बिजली- गर्मी के महीने में बिजली कटौती इस इलाके की प्रमुख समस्या है। खासतौर से सादतगंज और बालागंज में यह समस्या अधिक है।
जलभराव- बारिश के मौसम में जल भराव की समस्या से भी रूबरू होना पड़ता है। यहां के निवासी मृतुन्जय सिंह ने बताया कि कॉलोनियों में छोटी- छोटी नालियां बनी है । कई बार नगर निगम में शिकायत करने के बावजूद अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
शिक्षा- इन इलाकों में स्कूल तो काफी हैं लेकिन अधिकतर कॉन्वेंट स्कूल वहां से काफी दूर हैं। इसके अलावा वहां बड़े कॉलेजों की भी कमी है।
जातीय समीकरण- इस क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की संख्या काफी अधिक है। इसके अलाव ब्राहम्ण और यादव का वोट प्रतिशत भी काफी अधिक माना जाता है।