विधान सभा चुनाव में अहम भूमिका निभाएगा कुशवाहा समाज
लखनऊPublished: Sep 12, 2016 12:51:00 pm
लोकसभा और राज्यसभा में अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा राजनैतिक पार्टियों को नई ताकत का एहसास कराएगा।
लखनऊ। आगामी विधान सभा चुनाव के साथ ही लोकसभा और राज्यसभा में अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा राजनैतिक पार्टियों को नई ताकत का एहसास कराएगा। इसके लिए प्रदेश ही नहीं देश के अन्य प्रांतों में सम्मलेन और बैठकें कर समाज को जागरूक कर एक प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। यह बात रविवार को अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा के 54वें राष्ट्रीय महाधिवेश में नवनियुक्त अध्यक्ष राकेश कुमार महतो ने कही। गोमती नगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित सम्मलेन में बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत अन्य प्रदेशों से वर्तमान और पूर्व मंत्रियों ने शिरकत की।
इस दौरान नवनियुक्त अध्यक्ष महतो ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने हमारे समाज का उपयोग कर अपना स्वार्थ सिद्घ किया है। इससे हमारा समाज दोराहे पर खड़ा है। ऐसे में समाज को एकजुट और जागरूक होने की जरूरत है। वहीं कार्यक्रम के मुख्य संयोजक नीरज कुशवाहा (आर्कीटेक्ट) ने कहा कि संगठित न होने के कारण स्वार्थी तत्वों ने लालच और झांसा देकर लाभ तो उठाया लेकिन समाज की ओर मुड़कर नहीं देखा। ऐसे लोगों को अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा आगामी चुनावों में अपने समाज की ताकत बनकर दिखाएगा। महासभा के लखनऊ के अध्यक्ष मूलचंद्र मौर्य ने कहा कि शीर्ष दलों में अपनी भागीदारी की मांग को लेकर संघर्ष किया जाएगा। राष्ट्रीय महामंत्री जुगुज किशोर कुशवाहा ने कहा कि अधिवेशन के बाद ऐसे स्वार्थी लोगों को पहचान कर उन्हें समाज की नीतियों के साथ चलने को प्रेरित किया जाएगा। ऐसा न करने पर उन्हें समाज से बहिष्कार किया जाएगा।
अखिल भारतीय कुशवाहा महासभा, जो कि जो कुशवाहा, सैनी, मौर्या, शाक्य, मरार, काछी, कोइरी, माली, दांगी, कच्छवाहा आदि की प्रतिनिधि सभा है, के तत्वाधान में आयोजित 54वें राष्ट्रीय महाधिवेशन की शुरूआत राष्ट्रीय ध्वजारोहरण और लामा वेन लाम लाबंग नेबुद्ध वन्दना कर की। सम्मलेन में महासभा की नई कार्यकारिणी के चुनाव में राकेश कुमार महतो को राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय महामंत्री जुगुल किशोर कुशवाहा और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लोकमन कुशवाहा को शपथ दिलाई गई।
महाधिवेशन में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, भोपाल, दिल्ली, उड़ीसा, पंजाव आदि प्रदेशों से राजनैतिक एवं विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संगठनों से आए सजातीय पदाधिकारियों व गणमान्य ने अपने विचार व्यक्त किए। इस महाधिवेशन में महासभा के दायरे में आने वाले लोगों के लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिये प्रस्ताव पारित किए गए।