जानिये इस बार किस ओर जाएंगे मुस्लिम वोट
मुस्लिम पसोपेश में हैं कि वे जाएं तो किसके साथ?
लखनऊ. प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक हालत बड़े नाजुक दौर से गुजर रही है। बड़े से बड़े सैफोलाजिस्ट, राजनीतिक विश्लेषक और पंडित यह बता पाने की स्थिति में नहीं हैं कि आखिर इस बार मतदाता किसे कुर्सी सौंपेगा। सपा में मची पारिवारिक कलह की वजह से सपा को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग वोटर्स के साथ ही मुसलमान भी इस विभ्रम की स्थिति में हैं। मुस्लिम पसोपेश में हैं कि वे जाएं तो किसके साथ।
मुस्लिम वोट इफ़ेक्ट पर एक नज़र
उत्तर प्रदेश वैसे भी जातीय राजनीति को लेकर जाना जाता है। यहां हर राजनीतिक दल की पहचान किसी न किसी जाति या धर्म विशेष से जोड़कर होती है। कोई दल सवर्णों का हितैषी है तो कोई पिछड़ी जातियों का। कोई यादवों की तो कोई दलितों की। भाजपा जैसे दल भी हैं जिन्हें हिंदुत्व की राजनीति करने वाला माना जाता है। यानी कि ज्यादातर मामलों में एक मोटा-मोटा अनुमान लगाना काफी आसान होता है कि किसी जाति या समुदाय विशेष का वोट किसे मिलेगा। इसके विपरीत बसपा की ओर धीरे-धीरे ही सही लेकिन मुस्लिमों का रुझान बढ़ है। 2002 में बसपा को 9 फीसदी मुस्लिम वोट मिला था जो 2007 में 17 फीसदी और 2012 के चुनाव में 20 फीसदी हो गया। हालांकि, इन दो पार्टियों के अलावा विधानसभा चुनावों में मुस्लिमों ने कांग्रेस को भी तरजीह दी है। 2002 के चुनाव में कांग्रेस को 10 फीसदी मुस्लिम वोट मिला था जो 2012 में 18 फीसदी हो गया। इस समुदाय का वोट कभी बंट जाता है तो कभी एक मुश्त एक दल को ही चला जाता है। विस चुनावों से लोकसभा का चुनाव आते-आते तस्वीर उलट जाती है और इसी कारण मुस्लिमों के रुख का सही अंदाजा नहीं लग पाता है।
जानिये कितना है मुस्लिम वोट
मुस्लिमों का मन भांपना मुश्किल काम इन सबके बीच मुस्लिम समुदाय भी है जिसके बारे में हमेशा ही यह अनुमान लगाना मुश्किल रहा है कि वह किस दल को तवज्जो देगा। उत्तर प्रदेश में जहां यह समाज निर्णायक भूमिका में है, अगर कोई सीधा कारण मौजूद न हो तो यह पता करना और भी मुश्किल हो सकता है। राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या 19 फीसदी के करीब है। करीब 140 विधानसभा सीटों पर 10 से 20 फीसदी तक मुस्लिम आबादी है। 70 सीटों पर 20 से 30 फीसदी और 73 सीटों पर 30 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी है।
बाबरी विध्वंस के बाद सपा का हुआ मुलायम वोट
सपा के पास रहा है मुस्लिम वोट बैंक बाबरी विध्वंस के बाद से उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मुस्लिम वोट मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को मिले हैं। लेकिन, पिछले कुछ चुनावों से मुसलमानों का मुलायम से मोहभंग भी होता नजर आया है। दिल्ली की संस्था सीएसडीएस के आंकड़ों के मुताबिक 2002 के विधानसभा चुनावों में सपा को 54 फीसदी मुस्लिम वोट मिला था। 2007 के विधानसभा चुनावों में ये घटकर 45 फीसदी रह गया और 2012 के चुनावों में जब पार्टी को सबसे बड़ी जीत मिली, तब यह घटकर 39 फीसदी ही रह गया।