रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छापने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया। वित्त मंत्रालय का तर्क है कि छोटे नोटों पर वित्त व्यवस्था को केंद्रित करने के दो फायदे होंगे।
आलोक पाण्डेय
लखनऊ. बैंकिंग सेक्टर और आरबीआई के सूत्रों की चर्चा पर यकीन करें तो पिछले बरस नवंबर में हजार-पांच सौ के नोटों को प्रचलन से बाहर करने के बाद मोदी सरकार एक और बड़ा कदम उठाने वाली है। काली कमाई और भ्रष्टाचार पर एक और चोट करने के मकसद से केंद्र सरकार जल्द ही 2000 के नोटों को भी प्रचलन से बाहर करने पर विचार कर रही है। फिलहाल मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक से बाजार में छोटे नोटों यानी 50, 100 और 500 के नोटों की सप्लाई बढ़ाने को कहा है। सरकार जल्द ही 200 रुपए का नया नोट भी बाजार मेंं उतारने वाली है।
कालेधन में 2000 के नोट की बड़ी मात्रा
केंद्र सरकार को यकीन है कि नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले के बाद बड़ी मात्रा में काली कमाई को लोगों ने आयकर विभाग के समक्ष सरेंडर किया। इसके अतिरिक्त कुछ धन्नासेठों ने अपनी इज्जत बचाने के लिए काली कमाई को बर्बाद कर दिया। इसके अतिरिक्त बाजार से नकली मुद्रा बेदखल हो गई। सरकार के यकीन के पीछे तर्क है कि काली कमाई और नकली मुद्रा बड़े नोटों की शक्ल में बाजार में मौजूद थी। बहरहाल, पुराने फैसले की तर्ज पर केंद्र सरकार जल्द ही 2000 के नए नोटों को भी बाजार से बाहर करने पर विचार कर रही है। रिजर्व बैंक की कानपुर शाखा के सूत्रों के मुताबिक, नोटबंदी के फैसले के बावजूद बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्तियों की खरीद-फरोख्त हुई है। ऐसे सभी लेन-देन में काली कमाई को बड़े नोटों की शक्ल में नगद लिया-दिया गया है। चूंकि आधार और पैन लिंक के कारण बेनामी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से जुटाए गए कालेधन को बैंक में जमा करना मुश्किल है, ऐसे में यह काली कमाई लोगों के पास बड़े नोट की शक्ल में मौजूद है। इसी इनपुट के आधार पर केंद्र सरकार एक बार फिर बड़े नोट को प्रचलन से बाहर करने पर विचार कर रही है।
एटीएम में छोटे नोटों के हिसाब में बदलाव शुरू
केंद्र सरकार के संभावित फैसले के बीच रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों से अपनी एटीएम को छोटे नोटों के हिसाब से तब्दील करने को कहा है। एसबीआई ने आदेश पर अमल करते हुए अपनी एटीएम को रीकैलिब्रेट करना शुरू कर दिया है, ताकि 100 और 500 के नोट ही ज्यादा निकलें। इसी प्रकार बैंक ऑफ बडौदा और पंजाब नेशनल बैंक ने भी एटीएम में परिवर्तन के लिए काम शुरू कर दिया है। रिजर्व बैंक के मुताबिक, अगस्त माह से बाजार में 50, 100 और 500 रुपये के नोटों की सप्लाई ज्यादा होगी। रिजर्व बैंक ने जुलाई के पहले सप्ताह से 2000 के नोटों की सप्लाई को यूं भी काफी कम कर दिया है। उम्मीद है कि सितंबर प्रथम सप्ताह में 200 रुपये के नए नोट भी बाजार में दिखने लगेंगे। एसबीआई से जुड़े बैंकिग सूत्रों का कहना है कि छोटे नोटों की संख्या बढ़ाने का मतलब है कि 2000 रुपये के नोट को बाहर का रास्ता दिखाने की शुरुआत।
वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने से रोका
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 11 अप्रैल को नोटों की छपाई के लिए प्रॉडक्शन प्लानिंग की बैठक में रिजर्व बैंक ने 2000 के सौ करोड़ नोट छापने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन वित्त मंत्रालय ने 2000 के नोट छापने का प्रस्ताव नामंजूर कर दिया गया। वित्त मंत्रालय का तर्क है कि छोटे नोटों पर वित्त व्यवस्था को केंद्रित करने के दो फायदे होंगे। अव्वल जाली मुद्रा पर लगाम लगेगी, इसके साथ ही बड़े लेन-देन में नकद के बजाय डिजिटल, ऑनलाइन, कार्ड पैमेंट पर जोर रहेगा। ऐसा होने से काली कमाई के तंत्र पर निगरानी करना आसान रहेगा।